Pani Ki Kahani class 8 Vasant Lesson summary and question answer पानी की कहानी

Pani Ki Kahani class 8 Vasant Lesson summary and question answer पानी की कहानी

Pani Ki Kahani (पानी की कहानी) लेखक परिचय-

  • लेखक का नाम -रामचंद्र तिवारी
  • जन्म -4 जून 1924
  • स्थान -वाराणसी
  • विशेषता – हिंदी में उनके पूर्वांचल का रामचंद्र शुक्ल कहते हैं।
  • मृत्यु- 4 जनवरी 2009

Pani Ki Kahani पाठ का सारांश-

लेखक आगे बढ़ ही थे कि बेर के पेड़ से एक ओस की बूंद उनके हाथ पर आज गिरी। बूंद के दो टुकड़े हुए और आपस में मिलकर मधुर आवाज आने लगी। लेखक उसे आवाज को ध्यान पूर्व सुनाने लगे। वह बूंद अपनी कहानी सुनाने लगी।लोग उसे जल, पानी आदि नाम से जानते हैं। वह बेर के पेड़ से आई है।

लेखक उससे मजाक करने के लिए पूछते हैं कि क्या पैर में फव्वारे लगे हैं? दुखी होकर बूंद अपने अस्तित्व की कहानी आगे बताती है। पृथ्वी से असंख्या के जल कनों को बल पूर्ण अपनी ओर खींच लेते हैं। उसमें कई कनों को नष्ट करते हैं तो कई के तत्वों को ग्रहण कर बाहर फेंक देते हैं।

पेड़ों को बड़ा बनाने में कई कनों ने अपने प्राण का परितयाग किए हैं। बूंद कहने लगती है कि वह पृथ्वी के खनिज पदार्थों के साथ मिलकर आनंद से अपना जीवन बिता रही थी तभी उसका शरीर एक जड़ से जाकर टकराया और जल ने उसे बलपूर्वक अंदर खींच लिया।

पीछे से किसी ने उसे धक्का दिया तो आगे कोई उसका हाथ पकड़ कर खींच रहा था। उसने कहा कि उनके पूर्वज हद अर्जुन और आस जनन नामक दो गैस सूर्य मंडल में विद्वान थे।में बड़ी प्रसन्नता से सूर्य मंडल पर नाचते थे। एक दिन एक प्रचंड प्रकाश का पिंड सूर्य की ओर बढ़ने लगा।

प्रचंड आकर्षण शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूट कर उसके पीछे चला गया। सूर्य का टूटा हुआ भाग उसे खिंचाव को सहन न कर कई टुकड़ों में काटकर यहां वहां जा गीरा। पृथ्वी उसी का एक हिस्सा है। पहले पृथ्वी एक आग का गोला थी बाद में वह ठंडी हो गई। और वर्षों पहले हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की रासायनिक प्रक्रिया के कारण जल बना ।

यह समय लाखों वर्ष तक चला बूंद कई मास तक समुद्र में रहकर समुद्र के गर्भधारण से मिलती है। फलता व पिघलाकर समुद्र के पानी में मिल गई। समुद्र की गहराई में उसके अनेक जीवों को देखा। लालटेन के रूप में एक जीव घूम रहा था। वह एक सुंदर मछली थी जिसके शरीर में एक प्रकार की चमक निकल रही थी।

वहां एक सुंदर दृश्य को देखकर मैं बूंद को कई वर्ष लगे।बूंद पानी की तीन मिल मोती ता के नीचे थी ऊपर नहीं जा सकती थी। वह अपने भाइयों के साथ एक चट्टान में घुस गई। एक ऐसे स्थान पर पहुंची जहां कोई ठोस वस्तु न थी।

लाल पीले रंग की बड़ी चटाने थी। पृथ्वी का गर्भ रह रहकर हिल रहा था। एक जोड़ के धमाके से के साथ पृथ्वी का गर्भ फट गया और बूंद बाहर गिर पड़ा। लोग इस क्रिया को ज्वालामुखी कहते हैं। बूंद के साथ उसमें धुआं पिघली हुई धातु आदि निकल रही थी।

यह दृश्य बड़ा सुंदर था बहुत से भाप जल कन के मिलने से वह भारी हो चले थे और नीचे झुक गए थे। एक दिन बूंद बनाकर नीचे गिरे। ज्वालामुखी से निकले सारे साथी इधर-उधर बिखर गए। बूंद को समतल धरती देखने की तीव्र इच्छा थी।

वह एक छोटी धारा से मिलकर एक नगर के पास पहुंची। उसे एक मोटे नाल में खींच लिया गया। नाला में घूमते हुए वह एक ऐसे स्थान पर पहुंची जहां नाल टूटा हुआ था। बूंद पृथ्वी में समा गई और इस बार एक पेड़ तक पहुंचे। सूर्य निकल आया था। उसका बूंद रहना संभव नहीं था। फिर वह ओस की बूंदे बनकर आंखों से ओझल हो गई।

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प्रश्न और उत्तर Pani Ki Kahani पानी की कहानी-

प्रश्न संख्या 1- लेखक को उसकी बुंदे कहां मिले ?

उत्तर -एक दिन लेखक कहीं जा रहे थे। रास्ते में एक बेर का पेड़ था। बेर के पेड़ से एक मोटी सी बूंद लेखक के हाथ पर गिरी। लेखक ने आश्चर्य के साथ उसे देखा कि एक उसकी बूंद उसकी कलाई से सड़क कर उसके हथेली पर आ गई। इस प्रकार लेखक को बूंद मिली।

प्रश्न संख्या 2 – बूंद क्रोध और घृणा से क्यों कांप उठी ?

उत्तर-बूंद पेड़ की विशालता के बारे में बताते हुए कहती है कि पेड़ ऊपर से जितना बड़ा है पृथ्वी के अंदर भी उतना ही बड़ा है उसकी बड़ी और छोटी करीब बूंद जैसे और संख्या को जल कानों को बलपूर्वक पृथ्वी से खींच लेते हैं। कुछ बूंद को खा जाते हैं और कुछ बूंद का सब कुछ छिनकर निकाल देते हैं। पेड़ के इस दुर्व्यवहार को प्रकट करते हुए बूंद क्रोध और घृणा से कांप उठी।

प्रश्न संख्या 3 – हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज क्यों कहा ?

उतर -हाइड्रो उत्तर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से ही बूंद का निर्माण होता है इन दोनों का अस्तित्व खो जाता है और पानी का जन्म होता है। इसलिए बूंद इन दोनों को अपना पूर्वज या पुरखे मानती हैं।

प्रश्न संख्या 4 – पानी की कहानी(Pani Ki Kahani) के आधार पर पानी के जन्म और जीवन यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।

उत्तर -पानी का जन्म बहुत समय पूर्व हाइड्रोजन और ऑक्सीजन नमक गैस सूर्य मंडल में विद्वान थे प्रचंड आकाश पिंड सूर्य की ओर बढ़ने लगा और सहस्त्रों मील दूर से घूमता चला आ गया। उसकी प्रखंड आकर्षण शक्ति के कारण सूर्य का कुछ अंश टूट कर उसके पीछे चला गया। भारी खिंचाव से सूर्य का टुकड़ा अलग होकर ठंडा हो गया इस प्रकार दोनों के मेल से पानी का जन्म हुआ।

प्रश्न संख्या 5- कहानी के अंत और आरंभ के हिस्से को स्वयं पढ़ कर देखिए और बताइए की ओस की बूंद लेखक को आपनी आप बीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी?

उत्तर -Pani Ki Kahani कहानी के अंत और आरंभ के हिस्से को पढ़ने से यह ज्ञात होता है कि बूंद लेखक को आप बीती सुनते हुए सूर्य के उगने की प्रतीक्षा कर रही थी। सूर्य की गर्मी प्रकार उसमें उड़ने की शक्ति आएगी और वह उड़ जाएगी ।

Pani Ki Kahani एक बहुत ही भावुक कहानी है लेखक से एक बूंद का दर्द को पाठक को बहुत ही बेहतर तरीके से समझाया है। आशा है Pani Ki Kahani का यह भाग आपको पसंद आया होगा । Pani Ki Kahani से जुड़े सवालों का सवागत है। Pani Ki Kahani Pani Ki Kahani

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