Artificial intelligence कृत्रिम बुद्धिमता क्या है ?
Artificial intelligence (आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी ) यह एक अलग स्तर की टेक्नोलॉजी है जिसे कंप्यूटर साइंस के कुछ साइंटिस्ट ने Artificial intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी) का कॉन्सेप्ट को दुनिया के सामने रखा है। इसका मूल मकसद ऐसे कंप्यूटर या कंट्रोल रोबोट या फिर ऐसे सॉफ्टवेयर का बनाना है जो इंसानों की तरह सोच सके तथा इंसानों की समस्या का हल निकाल सके। कामों को आसान कर सके।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी ( Artificial intelligence) परिकल्पना –
दोस्तों मानव ब्रह्मांड की सबसे उत्तम रचना है। जिसमें अपने आप को पृथ्वी के सभी जीवो से अपने आप को श्रेष्ठ साबित किया है। और इसके इस श्रेष्ठा को इसने अपनी मेहनत लगन और बुद्धिमता के कारण यह अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सका है।
इसी बुद्धिमता इसी इंटेलिजेंसी के दम पर यह नियमित नए-नए खोज करता रहता है। जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर की खोज ने मानव को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया।
कंप्यूटर ने हमारे काम करने हमारे सोचने का तरीका बदल दिया जिसके फलस्वरूप आज सभी के हाथों में स्मार्टफोन दिखने लगा है । जिससे हम सब भी अछूते नहीं हैं। यही निरंतर खोजने की प्रक्रिया ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (Artificial intelligence) के रूप में सामने आ रहा है।
यह बिल्कुल अलग स्तर की टेक्नोलॉजी है। यह एक ऐसा कंसेप्ट है जिसका मकसद ऐसा कंप्यूटर ऐसा कंट्रोल रोबोट ऐसा सॉफ्टवेयर बनाना है जो बिल्कुल इंसानों की तरह सोचने में सक्षम हो।
जिस तरह इंसान इमोशनली या प्रैक्टिकली होकर सोचता है और जीवन को बेहतर बनाता है ठीक वही गुण कंट्रोल रोबोट या फिर ऐसे सॉफ्टवेयर की खोज करने की है इसी का नाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (Artificial intelligence)कहलाता है
Artificial intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी) क्या है-
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी माने कृत्रिम बुद्धिमता विज्ञान की वह शाखा है जो एक कृत्रिम उपकरण मशीन सॉफ्टवेयर को विकसित करती है जो मनुष्य के सभी गुणों को जैसे सोचने की क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति, आवाज पहचानने की शक्ति, सीखने की शक्ति, से लैस हो इन्हीं विशेषताओं को सॉफ्टवेयर में समाहित करने को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का नाम दिया गया है।
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Artificial intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी ) के कुछ उदाहरण-
मानव की तरह सोचने वाले रोबोट को अभी विकसित करने का प्रयास चल रहा है जिसमें अनेक कंपनियों ने मशीन लर्निंग में बहुत निवेश किया है इसी के फलस्वरूप कुछ ऐसे उदाहरण है जिसका प्रयोग हम अभी कर रहे हैं तो चलिए सब को विस्तार से समझते है।
Google map (गूगल मैप)- हम सभी ने कभी न कभी गूगल मैप का इस्तेमाल या फिर नाम तो सुना ही होगा यह हमें रास्ते बताने के कामों में इस्तेमाल किया जाता है। यह गूगल का प्रोडक्ट है जिसमें Artificial intelligence (AI) का इस्तेमाल हुआ है। इसमें AI तकनीक के साथ giant’s तकनीकी का भी इस्तेमाल किया गया है। जो रास्ते की मैपिंग करता है। तथा सही समय पर सही जानकारी मुहैया करा देता है। इसमें बोलकर बताने वाले भी फीचर जोड़ी गई है। जिससे उपभोक्ता को इस्तेमाल करने में आसानी महसूस होती है। इसको बेहतर से बेहतर करने के लिए गूगल नियमित प्रयास कर रहा है।
Echo (इको)- यह भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का एक उत्तम उदाहरण है यह एक ऐसा स्मार्ट टेक्नोलॉजी है जो आपके हर सवालों का जवाब चुटकी बजाते ही देती है। चाहे वह रेसिपी से संबंधित हो या फिर मौसम का हाल बताना ही क्यों ना हो या फिर ट्रैफिक की जानकारी देनी क्यों ना हो। और फीचर की बात करे तो इसमें गाने सुनाना, लेटेस्ट न्यूज़ का बताना आदि कार्य कर सकती है। यह आपके एक इशारे पर अपनी सर्विस देना शुरु कर देती है।
Nest (नेस्ट) – यह इंटरनेट के साथ जुड़ा रहता है आपके बोलने मात्र पर ही काम शुरू कर देता है जैसे गाना सुनाना, अलार्म सेट करना, लाइट ऑन या ऑफ करना आदि यह एक ऐसी तकनीकी है जो आपकी उर्जा भी बचाती है। इसकी नेस्ट लर्निंग थर्मोस्टेट आप के समय के साथ आपकी उर्जा भी बता बचाती है।
Siri (सिरी)- यह apple (एप्पल) का प्रोडक्ट है। जो आपको आभासीय सहायता देने का उत्तम तकनीकी है। यह आपके इनपुट से आपके लिए मैसेज भेज सकती है,आपके लिए इंटरनेट से जानकारी ढूंढ सकती है, फोन मिला सकती है, एप्लीकेशन को खोज कर आपके सामने रख सकती है तथा अन्य कार्य भी कर सकती है। परंतु यह सिर्फ आईफोन या फिर आईपैड या मैक में ही उपलब्ध है।
Tesla (टेस्ला) – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी सिर्फ मोबाइल में न रहकर अब ऑटोमोबाइल के सेक्टर में भी जीवन को बेहतर कर रहा है इसका उत्तम उदाहरण Tesla है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (Artificial intelligence )की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सेल्फ ड्राइविंग कर रही है आने वाले समय में ऑटोमोबाइल को भी स्मार्टफोन की तरह स्मार्ट हो जाएगा जो केवल वॉइस नोट पर ही काम करने लगेगी ।
Artificial intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी )का इतिहास –
अब यह सवाल मन में उठता होगा कि आखिर इस अद्भुत तकनीकी के जनक कौन है ? तथा इसका इतिहास क्या है। अगर इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत तो 1950 में ही हो गई थी। लेकिन वैज्ञानिक इसे बेहतर करने के लिए निरंतर अभ्यास में जुड़े थे कि मानव जैसी कोई चीज विकसित की जाए जो मानव के जीवन को सुगम बना सके।
जिसमें पहला नाम Norbert wiener का है इन्होंने बहुत हद तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की टेक्नोलॉजी को विकसित किया तथा 1955 में यह लॉजिक थेओरिस्ट के रूप Newell और Simon द्वारा सामने आया।
अगर Artificial intelligence (AI) की नींव रखने की बात करें तो इसका श्रेय John Mccarthy अमेरिकन साइंटिस्ट को जाता है। जिन्होंने 1956 में The Dartmouth summer Research project on Artificial intelligence का आयोजन किया था।
Artificial intelligence आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के प्रकार-
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को तीन भागों में बांटा गया है पहला कमजोर बुद्धिमता छोटे-छोटे कार्यो के लिए तथा दूसरा मजबूत बुद्धिमता तथा तीसरा मानव की बौद्धिक क्षमता के अनुरूप विकसित करने का।
Week Artificial intelligence (कमजोर बुद्धिमता)- कमजोर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी मौजूदा समय में वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जो हम गेम में देखते हैं समय-समय पर इसे निरंतर बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
Strong Artificial intelligence –इसका लक्ष्य मानव बुद्धि की बराबरी करना है। वैज्ञानिक निरंतर सामान्य AI को प्राप्त करने की दिशा में बढ़ते जा रहे हैं।
Artificial super intelligence-सुपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी मानव के लिए खतरा भी साबित हो सकता है जैसे कि हम हॉलीवुड की फिल्मों में देखा करते हैं। खैर यह भविष्य की बात है मजबूत बुद्धिमता स्ट्रांग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसका लक्ष्य मानव बुद्धि की बराबरी तक सोचने को विकसित करना है। इस तकनीकी को विकसित करने का प्रयास चल रहा है।
आर्टिफिशियल सुपर इंटेलिजेंसी की बात करें तो इसमें ऐसी प्रोग्रामिंग पर बेस्ड होगी जो अनुभव पर आधारित होगी जो बिल्कुल बेसिक होगी। इसमें मेमोरी स्टोरेज नहीं होगी। इसका उदाहरण हमें IBM के डीप ब्लू में देखने को मिला था। जिसने शतरंज के खिलाड़ी कास्परोक को हराया था। अगर हम सुपर इंटेलिजेंसी के सिद्धांतों की बात करें तो इसमें आत्म जागरूकता जिसमें खुद की चेतना तथा समझदारी को विकसित करने का मकसद है।
Artificial intelligence (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी) के एप्लीकेशन-
इसके एप्लीकेशन को 5 भागों में बांटा गया है ज्ञान, विचार, संचार, योजना, अनुभूति, के सिद्धांतों पर।
Knowledge (ज्ञान)- ज्ञान के सिद्धांतों पर सभी चीज जैसे विनय, बाजार, भविष्यवाणी, धोखाधड़ी, की रोकथाम मेडिकल से संबंधिततथा अन्य ज्ञान का संग्रह हो।
Opinion( विचार)- इसके तहत तर्क कसौटी से समस्याओं को हल करने में सक्षम हो ।
Communication( संचार)– बोलने तथा लिखित भाषा को समझने के योग्य हो सभी भाषा को समझने का ज्ञान हो। Plan (योजना) – लक्ष्य निर्धारण के लिए योजना बनाने तथा योजना को प्रारूप देने के योग्य के साथ सूची प्रबंधन, पूर्वानुमान, भौतिक गुणों आदि से परिपक हो।
Feeling अनुभूति- ध्वनि चित्र और अन्य संवेग, संवेदना के अनुमान कार्य करने की क्षमता हो जैसे चिकित्सा स्वचालित वाहन निगरानी कार्य के अनुकूल हो। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का लक्ष्य मानव की बराबरी तक सोचने की क्षमता को विकसित करने का है
इसमें दो राय नहीं है कि इस तरह की तकनीक विकसित हो पाएगी या नहीं परंतु यह सब मनुष्य पर निर्भर होगा कि हम इसका इस्तेमाल किस तरह और किन कार्यों के लिए करते हैं।
अगर मानव उन्नति के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए तो यह मनुष्य के लिए बहुत ही क्रांतिकारी होगा। लेकिन अगर इसके विपरीत इसका दुरुपयोग हुआ तो इसके बहुत ही घातक परिणाम हो सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का यह भाग आपको कैसा लगा। इसके बारे में मुझे लिख सकते हैं तथा आपके सुझाव का इंतजार रहेगा धन्यवाद।