coding क्या है और इसका महत्व !
आज के इस जीवन में बिना कंप्यूटर के कल्पना करना बहुत ही मुश्किल है। क्योंकि जाने अनजाने हम सभी इंटरनेट की दुनिया से जुड़े रहते हैं चाहे वह सीरियल देखना हो या फिर गैस बुकिंग करना सब कुछ कंप्यूटर और इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इसे दिन पर दिन और बेहतर बनाने का प्रयास चल रहा है। इसी क्रम एक और अध्याय जुड़ गया है जिसे coding (कोडिंग )के नाम से जाना जा रहा है।
coding इसलिए जरुरी हो गया है कि कंप्यूटर से संबंधित विषयों के बारे में हमें कम से कम बेसिक नॉलेज की जानकारी तो जरूर हो, इस क्रम में मैंने कोशिश की है कि यह कोडिंग को बेसिक नॉलेज की जानकारी आप तक पहुंचाने की तथा इसको समझने की कि हमें कोडिंग तथा इसकी विशेषता हमें किस प्रकार प्रभावित करती है तो चलिए समझते हैं।
coding कोडिंग क्या है ?
कोडिंग (coding )एक कृत्रिम भाषा है जिसके द्वारा हम कम्प्यूटर को इनपुट देते है। कहने का मतलब जब हम कंप्यूटर पर कोई भी काम करते हैं तो हम कंप्यूटर को एक प्रोग्रामिंग की भाषा में उसे समझता है,जिसे समझ कर कंप्यूटर अपना आउटपुट देता है। इसी प्रोगामिंग भाषा को कोडिंग कहते है। इसलिए हम कह सकते हैं कि कोडिंग कम्प्यूटर की वह भाषा है। जिसके जरिए कंप्यूटर हमारी भाषाओं को समझता है तथा उसके आधार पर हमें सर्विस देता है। आसान शब्दों में कहें तो कोडिंग का मतलब प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में कंप्यूटर से बात करना।
अब सवाल यह उठता है कि यह जनमानस से कैसे जुड़ा हुआ है ?तो चलिए इस को समझते हैं, कोडिंग हमारे व्यक्तित्व को निखारने में सहायक होता है जिसके जरिए हम अपने लॉजिकल थिंकिंग को बढा पाते हैं। जिसके कारण एकाग्रता की क्षमता के साथ फोकस करने की शक्ति भी बढ़ती है।
जिससे समस्याओं को सुलझाने में हम ज्यादा सरलता महसूस करते हैं। यह बच्चों के लिए उनके मानसिक विकास के लिए तथा उच्चतम भविष्य के लिए कोडिंग बहुत जरूरी है जिससे उनकी नैसर्गिक क्षमता का उदय होता है।
इसका सीखना जितना बच्चों के लिए फायदेमंद है उतना ही यह युवाओं के लिए भी रोजगार के विभिन्न आयामों को जन्म देता है जिसके कारण घर बैठे अच्छी कमाई के रास्ते भी बन जाते हैं पर सवाल ये उठता है कि यह कैसे संभव है ?
चुकी कोडिंग प्रोग्रामिंग भाषा है इसलिए इसका उचित ज्ञान से आप तरह-तरह के गेम या फिर सॉफ्टवेयर तथा एप्स और वेबसाइट का निर्माण कर सकते हैं। वेब डेवलपमेंट तथा एप्स डेवलपमेंट की दिशा में आगे बढ़ कर अपनी पहचान बना सकते हैं
जो भविष्य के लिए अवसर साबित हो सकती है। सबसे अच्छी बात तो यह है की हम घर बैठे कोडिंग सीख सकते है। इसके लिए हमें अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए जिसके द्वारा हम घर बैठे बेसिक कोडिंग सीख कर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
coding कोडिंग सीखने के माध्यम
- आज ऐसे बहुत से ऑनलाइन या ऑफलाइन संगठन है जो कोडिंग (coding )सिखा रहे हैं। अगर ऑफ़लाइन की बात करें तो बहुत से ऐसे संस्था है जो coding सीखा रहे है। जिसकी जानकारी गूगल या फिर अपने जानने वालो से हम ले सकते है। तथा बाजार में coding सिखने के लिए बहुत सी किताबे मौजूद है जिससे कोड़िंग सीखा जा सकता है। अगर ऑनलाइन सीखने की बात हो तो यहाँ भी दोनों ऑप्शन मौजूद है। जिससे आप फ्री तथा पैसे देकर भी सीख सकते है। ऐसे बहुत से वेबसाइट,apps है जिसकी सहायता से coding को समझा जा सकता है sololearning या फिर यूट्यूब के जरिए। नीचे कुछ वेबसाइट की सूची है जो coding learning का माध्यम बनती है। जैसे
- codewars.com
- Learncs.org
- Freecodecamp.org
- javapoint.com
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coding कोडिंग लैंग्वेज के प्रकार
HTML(एचटीएमएल)-
यह एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है इस का फुल फॉर्म हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज है। जिसका इस्तेमाल वेबपेज तथा इसकी सामग्री की रचना के लिए उपयोग किया जाता है। एचटीएमएल कोड आपके इंटरनेट ब्राउजर के लिए टैक्स और फोटो का उचित स्वरूप तैयार करता है। इसके द्वारा इस्तेमाल तथा पढ़ना आसान हो जाता है।
JAVA(जावा)
यह एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसे सॉफ्टवेयर तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है। यह विंडोज, लीनिक्स तथा मैक सहित कई ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। जावा को 1990 के आसपास सन माइक्रोसिस्टम के पूर्व कंप्यूटर वैज्ञानिक जेम्स ए गोसिलंग ने अपने अन्य 2 साथी माइक शेरिडियन तथा पैट्रिक नॉटन के साथ मिलकर बनाया था।
C Language(सी लैंग्वेज)-
एक सामान्य प्रयोजन की प्रोग्रामिंग की भाषा है इसका उपयोग स्क्रिप्टिंग में होता है। विंडोज, यूनिक्स तथा लीनिक्स आदि के लिए यह भी ऑपरेटिंग सिस्टम का एक प्रमुख हिस्सा है इसका इस्तेमाल गेम बनाने में ग्राफिक्स करने और गणणा जैसे कार्यों के लिए होता है।
C++(सी प्लस प्लस )
इसका इस्तेमाल गेम्स बनाने डेक्सटॉप एवं एप्स तथा ऑपरेटिंग सिस्टम में ब्राउज़र में आदि कामों में होता है। सी प्लस प्लस सीखने के बाद अन्य कोडिंग लैंग्वेज को सीखने में आसानी हो जाती है। इसके द्वारा कंप्यूटर के अंदर के आर्किटेक्चर को समझने में मदद मिलती है।
CSS(सीएसएस)-
इसे भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहा जा सकता है इसके द्वारा हम अपने प्रस्तुत किए हुए चीजों का वर्णन करने में सक्षम होते हैं। जैसे रंग, लेआउट, फोंट आदि यह प्रिंट स्क्रीन का साइज को आवश्यकता के अनुसार छोटा बड़ा करने की सहूलियत देता है।
RUBY(रूबी )
इसे पढ़ना तथा इस्तेमाल करना बहुत सरल है यह भी एक प्रोग्रामिंग भाषा है। इसका इस्तेमाल बिल्डिंग वेब एप्लीकेशन बनाने तथा डिजाइन करने में होता है।
PHYTHON(पाइथन)-
यह उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा है। यह सरल होने के साथ इसे आसानी से सीखा जा सकता है इसके द्वारा हम वेब के विकास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग, ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लीकेशन, वीडियो गेम आदि बना सकते हैं इसे 1980 के दशक में गुइडो वैन शेसुम के द्वारा बनाया गया था।
coding के साथ उज्ज्वल भविष्य –
- कम्प्यूटर युग में coding के कारण नौकरी में प्राथमिकता मिलती है।
- इसके दवारा आप स्वरोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ सकते है।
- नए नए वेबसाइट,गेम्स,apps की दिशा में अपनी पहचान बना सकते है।
- यह आपकी कौशल क्षमता को बढ़ावा देता है।
- इससे आप अपना व्यवसाय भी शुरू कर सकते है।