Vachan वचन किसे कहते है ?
दोस्तों स्वागत है संज्ञा के विकार के दूसरे भाग Vachan वचन में। आज के इस भाग में हम वचन संबंधित सारे प्रश्नों और सारे कंफ्यूजन को विस्तार पूर्वक सुलझाने का प्रयास करेंगे। जैसे वचन किसे कहते हैं। वचन की पहचान कैसे करें ? तथा वचन परिवर्तन के कुछ नियमों को सरल भाषा में,उदाहरणों के साथ समझने का प्रयास करेंगे। तो चलिए -एक उदाहरण के द्वारा समझते है।
रोहन मार्केट सब्जी लेने जाता है। मार्केट से ढेरों सब्जियाँ तथा ढेरों फलों के ठेले थे। जिसमें एक आइसक्रीम का ठेला भी था। रोहन के सब्जियाँ ली और घर के लिए रवाना हो गया। इस उदाहरण में दो तरह के शब्द है। जैसे- मार्केट, सब्जी, ठेला तथा दूसरा सब्जियाँ फलों,ठेलो आदि । जो हमें कुछ संख्या में एक तथा कुछ संख्या में अनेक होने का अनुभव करवा रहे हैं। इसलिए वह शब्द जो संख्या में एक होने का बोध करवाए एकवचन तथा वह शब्द जो संख्या में अनेक होने का बोध करवाए बहुवचन कहलाते है। अर्थात शब्द का जो रूप उसके एक या अनेक होने का भाव दर्शाता है उसे वचन कहते हैं।
Vachan -वचन के प्रकार और वचन संबंधित अन्य नियम –
वचन के दो भाग होते हैं। एकवचन और बहुवचन एक के लिए एकवचन तथा एक से अधिक होने का बोध होने पर वह बहुवचन की श्रेणी में आता है। ध्यान रहे –आदर व्यक्त करने के लिए एक व्यक्ति के लिए भी बहुवचन प्रयुक्त होता है। जैसे –
- हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य कर्मठ है।
- महादेवी वर्मा कहानियों की सम्राज्ञी कहलाती थी।
- लता मंगेशकर को सुर कोकिला कहा जाता है ।
- उपयुक्त सभी वाक्य एक ही व्यक्ति से संबंधित है।
- परंतु सम्मान प्रकट करने के लिए हम बहुवचन का प्रयोग करते हैं।
वर्षा,पानी,जनता,आदि शब्द एकवचन में प्रयुक्त होते हैं; जैसे- स्वदेशी आंदोलन में सारी जनता एकजुट हो गए। वर्षा समय से पहले आ गई। पानी बहुत मीठा है। आदर प्रकट करने के लिए या सभ्यता को दिखाने के लिए वह और तू के स्थान पर वह और तुम का इस्तेमाल होता है। वे बोलते रहे और हम सुनते रहे। तुम परसों चले जाना।होश,दर्शन, प्राण,आँसू, दाम, हस्ताक्षर आदि कुछ ऐसे शब्द है। जिसमें (वचन) Vachan प्राय बहुवचन के रूप में प्रयोग में आते हैं। जैसे –
- हमने हस्ताक्षर कर दिया।
- मंत्री जी के तो दर्शन दुर्लभ हो गए।
- इतनी ऊंचाई पर तो मेरे प्राण ही निकल गए ।
व्यक्तिवाचक तथा भाववाचक संज्ञाओं का एकवचन में प्रयोग-
व्यक्तिवाचक तथा भाववाचक संज्ञाओं में हमेशा एकवचन का प्रयोग होता है। जैसे –
- रमेश कल आएगा।
- प्रकृति का सौंदर्य सभी को आकर्षित करता है।
जातिवाचक संज्ञा में एकवचन और बहुवचन दोनों ही हो सकती है। जैसे -(पुस्तक /पुस्तकें) परंतु धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञाएँ एकवचन में प्रयुक्त होती है। जैसे –
- आजकल सोना महंगा होता जा रहा है।
- लोहा को जंग खा जाता है।
किसी भी पुल्लिंग शब्दों के अंत में यदि अ,इ,ई,उ,ओ,ए,औ हो और परसर्ग कारक चिन्ह का प्रयोग नहीं हो तब,उनके दोनों वचनों में से एक ही रूप रहता है।
एकवचन | बहुवचन |
वृक्ष हरे भरे है। | वृक्ष हरे भरे है |
डॉक्टर आया। | डॉक्टर आए। |
विद्यार्थी पढ़ रहा है। | विधार्थी पढ़ रहे है। |
Vachan वचन की पहचान कैसे करें ?
वचन की पहचान दो तरह से की जाती है संज्ञा/सर्वनाम के द्वारा तथा क्रिया के द्वारा।
संज्ञा/सर्वनाम के रूप द्वारा –
- बच्चा गाता है।
- बच्चें गाते है।
- वह पढ़ रही है।
- वे पढ़ रही है।
वाक्य की क्रिया के द्वारा –
- साधु भोजन कर रहा है।
- साधु भोजन कर रहे है।
- पेड़ टूट गया।
- पेड़ टूट गए।
वचन परिवर्तन के नियम –
दोस्तों वचन परिवर्तन के कुछ नियम ध्यान देने के योग्य है । वजन परिवर्तन में कभी-कभी परसर्गों (ने,को,से,आदि ) का प्रयोग होता है। तो कभी-कभी कारक चिन्हों के बिना प्रयोग होता है। इस आधार पर बहुवचन को दो तरह से बनाए जाते हैं। 1-परसर्ग रहित शब्दों के बहुवचन। 2 -परसर्ग सहित शब्दों के बहुवचन। चलिए बारी बारी इन्हें देखते हैं –
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परसर्ग (कारक चिन्ह )रहित शब्दों के बहुवचन बनाने का नियम- ए प्रत्यय जोड़कर
एकवचन | बहुवचन |
कपड़ा | कपड़े |
जाला | जाले |
कलम | कलमे |
तलवार | तलवारे |
कुछ संस्कृत के शब्द तथा संबंधसूचक शब्द तथा अन्य शब्द जैसे –नेता,योद्धा,चाचा,मामा,राजा,पिता आदि शब्द में ये नियम लागु नहीं होते है।
एँ प्रत्यय लगाकर बहुवचन बनाना केवल स्त्रीलिंग शब्दों में -अंतिम अ का एँ हो जाता है।
एकवचन | बहुवचन |
सड़क | सड़कें |
पुस्तक | पुस्तकें |
रात | रातें |
आँख | आँखें |
अंतिम आ,उ,ऊ,औ के बाद में एँ जुड़ जाता है परन्तु प्रत्यय जुड़ने के कारण यँहा दीर्घ स्वर का हस्व स्वर हो जाता है।
एकवचन | बहुवचन |
कला | कलाएँ |
छात्रा | छात्राएँ |
बाला | बालाएँ |
लता | लताएँ |
याँ प्रत्यय जोड़कर केवल स्त्रीलिंग शब्दों में -इ या ई के बाद में याँ लग जाता है।
एकवचन | बहुवचन |
बस्ती | बस्तियाँ |
नीति | नीतियाँ |
खिड़की | खिड़कियाँ |
नदी | नदियाँ |
लिपि | लिपियाँ |
- या का याँ और ई का इयों हो जाता है।
एकवचन | बहुवचन |
पुड़िया | पुड़ियाँ |
लड़की | लड़कियाँ |
डिबिया | डिबियाँ |
गुड़ियां | गुड़ियाँ |
- शब्दों के अंत में गण,जन,वृंद,लोग,वर्ग जोड़कर –
एकवचन | बहुवचन |
पंक्षी | पंक्षीवृंद |
गुरु | गुरुजन |
अध्यापक | अध्यापकगण |
धनी | धनीलोग |
परसर्ग सहित शब्दों के बहुवचन –
ओं प्रत्यय लगाकर – अ,आ के स्थान पर ओं द्व्रारा बहुवचन
एकवचन | परसर्ग सहित बहुवचन |
फल | फलों का |
तलवार | तलवारों से |
पेड़ | पेड़ों पर |
छात्र | छात्रों को |
परसर्ग रहित रूपों में आकारांत/उकारांत शब्दों के बहुवचन में कोइ परिवर्तन नहीं होता है। उसके परसर्ग सहित रूपों में आ,उ,ऊ के स्थान पर ओं का प्रयोग होता है।
एकवचन | परसर्ग सहित बहुवचन |
घोड़ा | घोड़ो को |
बंधु | बंधुओ में |
साँचा | साँचों में |
यों प्रत्यय जोड़कर -इ के बाद यों लगाया जाता है। ई का इयों हो जाता है।
एकवचन | बहुवचन |
व्यक्ति | व्यक्तियों को |
राखी | राखियों को |
सदी | सदियों में |
ओ/यो प्रत्यय जोड़कर –केवल सम्बोधन में अंतिम अ /आ के जगह यो हो जाता है। –बहनों ,माताओ,भाइयों ,आदि।
दोस्तों इस भाग में हमने सीखा वचन किसे कहते है तथा इसके भेद,के साथ सम्मान और आदर के लिए एकवचन को भी बहुवचन के रूप में प्रयुक्त कर सकते है। तथा वचन की पहचान संज्ञा /सर्वनाम /क्रिया से की जा सकती है। साथ ही साथ बहुवचन दो तरह से बनते है परसर्ग रहित और परसर्ग सहित। आशा करती हूँ दोस्तों आपको यह भाग पसंद आया होगा धन्यवाद।