चलिए आज मैंतई जनजाति के बारे में जानते। भारत के पूर्वोत्तर में 7 राज्य है उन्ही में से एक मणिपुर है। जिसके 16  जिले है।

मैतई  पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर राज्य का बहुसंख्यक समुदाय है । मैतई मणिपुर के मूल निवासी है इसलिए उन्हें मणिपुरी भी कहा जाता है धार्मिक दृष्टि से अधिकतर  हिंदू है ।

मैंतई 23 समुदाय के लोग लगभग 53 फ़ीसदी है जिसमें मणिपुर की भूमि क्षेत्र का लगभग 10 परसेंट हिस्सा मे ये  लोगों बसे हुए है। 

यह लोग मुख्य रूप से इंफाल घाटी में बसे हुए हैं। इस समुदाय के 90% लोग पहाड़ी इलाकों में रहते हैं ।

समुदाय के बुजुर्गों के मुताबिक उन्होंने 17वीं और 18वीं सदी में हिंदू धर्म को स्वीकार कर लिया था। 

 मैंतई राजाओं का शासन म्यांमार में छींदविन नदी से लेकर मौजूदा बांग्लादेश की सुरमा नदी के इलाकों तक फैला हुआ था।

भारत में शामिल होने के बाद यह समुदाय राज्य की कुल भौगोलिक क्षेत्र के 10 प्रतिशत भू भाग पर ही सिमट गया है।  मैतई समुदाय के लोग इंफाल घाटी में रहते हैं 

राज्य की 60 से 40 विधानसभा सीटों पर मैतई समूदाय का असर है।  मणिपुर राज्य में 29 विधानसभा सीटें भी इंफाल घाटी में आती है ।इस समुदाय की बड़ी आबादी हिंदू  वैष्णव संप्रदाय को मानती है। 

वहीं 16 फ़ीसदी मैतई मणिपुर के सनामाही धर्म को मानते हैं। यही नहीं मैंतेई समुदाय के लोग आदिवासी परंपरा का भी बखूबी पालन करते हैं।