नारा लेखन किसे कहते है ?
नारा इसे संस्कृत भाषा में घोष तथा अंग्रेजी भाषा में स्लोगन कहते हैं, वस्तुतः यह कुछ पंक्ति का समूह है, जो जनमानस को प्रेरित करने के लिए,दोहराया जाता है। नारा का अर्थ है, उद्घोष होता है। इसका किसी चीज का प्रचार करने के लिए होता है। इस प्रकार हम कह सकते है कि नारा लेखन एक आदर्श वाक्य होता है, जिसमें थोडे शब्दों में अपनी मांगे या घोषणा की जाती है। यह सरल होने के कारण इसके शब्द भाव लोगों को आकर्षित और उत्तेजित करने मे सफल होते हैं। इसलिए यह ज्यादा सफल और प्रचलित है।
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नारा लेखन के प्रकार-
लेखन का क्षेत्र बहुत व्यापक है। सभी कार्य क्षेत्रों में नारा ने अपना विशेष स्थान बनाया है । इसकी सभी क्षेत्रों मे विशेष उपयोगिता है, इसका उपयोग राजनीति, सामाजिक, व्यापारिक, क्षेत्रों में किया जाता है। इस आधार पर नारा लेखन निम्नलिखित प्रकार के होते है।
राजनीति संबंधित – राजनीति के क्षेत्र में नारा लेखन बहुत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से चुनाव प्रचार के समय। सभी राजनीतिक दल मतदाता को लुभाने के लिए नारा का इस्तमाल करते हैं। इसके साथ ही मतदान के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए नारा का इस्तमाल किया जाता है जैसे- लो चुनाव मे बढ़ चढ़ के भाग क्योंकि यही है लोकतंत्र के विकास का आधार। करो मतदान चुनो एक सझम सरकार।
समाज संबंधित – समाज में जागृति लाने,सुधार करने,फैली कुरीतियों को कम करने, प्रेरणा देने एवं उत्साहवर्धन करने के लिए नारों का प्रयोग किया जाता है।
इसे अनेक श्रेणियों में बांटा जा सकता है।
पर्यावरण संबंधित नारा लेखन- पर्यावरण के प्रति जनता को सचेत करने,जागरूकता लाने के उद्देश्य से पर्यावरण संबंधित नारों का प्रयोग किया जाता है। पर्यावरण समस्याओं जैसे- प्रदूषण,जलवायु परिवर्तन आदि के लिए मनुष्य कारक सिद्ध होता है।इसलीय पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण जागरूकता पर्यावरण की समस्या को हल करने के लिए नारा लेखन किया जाता है जैसे -पेड़ लगाओ पेड़ लगाव वातावरण को शुद्ध बनाओ।
शिक्षा संबंधित -सामाजिक क्षेत्र में शिक्षा के महत्व से कौन अवगत नहीं है। मानव प्रगति को बिना शिक्षा के पूरा नहीं कर सकते इसलीए, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नारा लेखन अत्यंत सफल,सराहनीय एवं प्रेरणा वर्धक माना जाता है।
पुराने समय में स्त्री को शिक्षा मे तथा अन्य कामों से वंचित रखा जाता था। अतः महिलाओं को शिक्षा के लिए समान अवसर प्राप्त करने, जागरूकता लाने हेतु व्यापक रूप से नारा लेखन किया गया जिससे एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिला। जैसे -शिक्षित माता बदले विधान,सम्पूर्ण विश्व का करे कल्याण।
स्वास्थ्य संबंधी नारा लेखन– वर्तमान समय में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही एक गंभीर समस्या का रूप ले लेती है। नारा लेखन के माध्यम से माध्यम से स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता लाने के लिय नारे का प्रयोग कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है; जैसे- रखो अपने स्वास्थ का ध्यान, निरोगी काया है बहुत बड़ा वरदान। आदि इस प्रकार समाज संबंधित नारा लेखन का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है जिसके माध्यम से समाज को उत्साह एवं प्रेरणा प्रदान की जाती है।
व्यवसाय संबंधित – व्यावसायिक क्षेत्र में भी नारा लेखन का बहुत महत्व रखता है। इससे व्यापार के क्षेत्र में उन्नति तथा ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट को संक्षिप्त भाषा मे समझा सकते है,तथा ग्राहक को आकर्षित भी कर सकते है। विज्ञापनों के द्वारा व्यापारी ग्राहकों को लुभावने नारों के द्वारा आकर्षित करने का प्रयत्न करती है; जैसे करे इस्तमाल फिर करे विश्वास।
नारा लेखन की विशेषता-
प्रभावी और आकर्षक नारा के लिए कुछ विशेषताओं का होना बहुत आवश्यक है-
संक्षिप्त एवं सरल नारा लेखन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता, यह होनी चाहिए जिससे यह लोगों की स्मृति पटल पर अपनी प्रभाव छोड़ सकें।
लयात्मकता – लयात्मकता नारा लेखन की सबसे बड़ी समग्री है। लेखन के समय लयात्मक शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए। शब्दों का चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए नारा लेखन को प्रभावित तथा आकर्षक बनाने में शब्द अहम भूमिका निभाते है।
विषय से संबंधित– नारा लेखन करते समय अपने विषय को केंद्रित रखना चाहिए ,जिससे यह पूर्ण रूप से विषय को संबोधित कर सके। विषय पूर्णता स्पष्ट होना चाहिए जिससे लेखक अपनी बात को स्पष्ट रूप से प्रकट कर सके।
सार्थक तथा सार्थकता– लेखन मे सार्थकता बहुत महत्वपूर्ण है, लेखन में सार्थक अभिव्यक्ति क्षमता का होना बहुत आवश्यक है। नारा लेखन करते समय ऐसे उचित शब्दों का प्रयोग होना चाहिए जो गंभीर अर्थ को परिभाषित करता हो।
नारा लेखन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें-
नारा लेखन ज्यादा लंबा तथा दो पंक्तियों से अधिक नहीं होनी चाहिए। बोधगम्य सरल एवं उत्साहवर्धक शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रभावी भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए।
इसमे सार्थक एवं गंभीर अर्थ होना चाहिए। विषय से संबंधित एवं सिद्धांतों के अत्यंत सहज और सरल प्रस्तुती से सामान्य जन से जोड़ना सहज होता है। हमेशा प्रेरणादायक वाक्य प्रयोग किया जाना चाहिए। नारा लेखन करते समय लेखक को स्वयं की रचनात्मक,कलात्मक क्षमता का प्रयोग करना चाहिए।
उदाहरण-
- देशभक्ति की भावना- एकता को करो मजबूत देश की बदलो तकदीर। एकता मे है बड़ा बल,कर दे सब समस्या हल।
- रक्तदान शिविर- रक्तदान करे कमाल जीवन को दे ये वरदान।
- धार्मिक सद्भावना -सब के धर्म का करो सम्मान,मुष्यता की है ये पहचान। सब धर्म का करे समान,हम भारतवासी की है यह पहचान।
- प्रकृति- पेड़ पौधे हैं, वरदान मत करो इसका अपमान। जलवायु परिवर्तन पर्यावरण का करो संरक्षण नहीं तो प्रदूषण कर जाएगा मानवता का भक्षण।
- हिंदी दिवस- जन जन की भाषा है हिंदी भारत की भाषा है हिंदी,हिंदी का सम्मान करें दुनिया भर में नाम करें।
- कोरोनावायरस- स्वच्छता और सामाजिक दूरी से करे कोरोना से दूरी ।
अमर जय हिन्द का नारा है!
अखण्ड हिन्दूस्थान हमारा है!