अनुच्छेद लेखन – विज्ञान के आधुनिक चमत्कार 300 शब्दों में!

अनुच्छेद लेखन -विज्ञान के आधुनिक चमत्कार 300 शब्दों में

विज्ञान के आधुनिक चमत्कार – सांकेतिक बिंदु -मानव जीवन और विज्ञान, आधुनिक आविष्कार, लाभ हानि उत्तर – विशिष्ट रीति से जो ज्ञान पाया जाता है उसे विज्ञान कहा जाता है। आज के इस भौतिकवादी दुनिया में विज्ञान द्वारा संचार का ढांचा ही बदल दिया है। विज्ञान के आधुनिक चमत्कार हमारे जीवन को पूरी तरह बदल दिया है।

सभी राष्ट्र औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर है। उनके इस विकासशील रूप को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि आज का युग यंत्र का युग है। जिधर देखो गगनचुंबी इमारते, चिमनिया, बड़े-बड़े कल कारखाने, पृथ्वी को सुशोभित कर राष्ट्र की समृद्धि का गुणगान कर रहे हैं। ये सब विज्ञान के आधुनिक चमत्कार से ही संभव है।

विज्ञान के चमत्कार राष्ट्रीय जनक है। यातायात संचार के नए-नए साधन, बड़े-बड़े कल कारखानों में नाना वस्तुओं का मशीनों से निर्माण कृषि के क्षेत्र में क्रांति मानव स्वास्थ्य और आयु वृद्धि के उपायों की खोज फोटोग्राफी सिनेमा आदि के द्वारा कला और मनोरंजन के साधनों का विकास पूर्ण टीवी, कंप्यूटर, इंटरनेट अंतरिक्ष में मानव यात्रा परमाणु शक्ति का मानव कल्याण में उपयोग आदि विज्ञान की नाना उपलब्धियां से धरती पर स्वर्ग को ही उतार दिया है।

इसे भी पढ़े – शारीरिक श्रम, दुविधा में दोनों गए,माया न मिली न राम

विज्ञान ने मानव को अनेकों अनेक लाभ पहुंचाकर उसका अनंत उपकार किया है। यंत्रों के विकास के कारण मनुष्य के समय और श्रम की बहुत बचत हो गई है। इसका उपयोग अब जीवन को और अधिक सुख में बनाने के लिए कर सकता है।

धरतीकी भौगोलिक दूरियां मिट जाने से विश्व बंधुत्व की भावना को बल मिलता है। एक देश की घटना दूसरे देश को तुरंत प्रभावित करती है। किसी देश में भयंकर तबाही होने से अनेक राष्ट्रों से तुरंत सहायता पहुंचाने लगती है। विज्ञान ने हमें भयंकर रोगों से मुक्ति दिलाई है।

बाढ़ काल महामारी आदि पर नियंत्रण करके लाखों मनुष्य को प्रकृति के प्रकोप का शिकार होने से बचा लिया जाता है। विज्ञान ने हमें अनेक भौतिक सुख सुविधा प्रदान की है। उनकी गणना कर पाना संभव है। वैभव और विलास की अनंत सामग्री जताकर विज्ञान ने धरती पर स्वर्ग ला दिया है।

विज्ञान ने मनुष्य के हाथों में असीम शक्ति भर दी है। ज्ञान के नए-नए 36 खोल दिए हैं। उनके भूखे की रोटी और नंगे को वस्त्र दिए हैं। अंधे को आंखें दी है लंगूरों को पर्वत लगने की शक्ति दी है।व निर्धन को धन व निर्मल का बल है। इसकी कृपया से मुक होही वाचाल, पंगु चढ़ी गिरवर गहन की युक्तियां सार्थक हुई है।

Leave a Comment