Arun yogiraj- मूर्तिकार अरुण योगिराज का जीवन परिचय, एवं उपलब्धियां (Arun yogiraj biography,Education,Family,age in Hindi) – शिक्षा,परवारिक पृष्टभूमि, कला के प्रति लगाव, रामलला की मूर्ति,कार्य पुरुस्कार
Arun yogiraj-अरुण योगिराज का नाम भारत के मूर्तिकला के क्षेत्र मे एक प्रमुख नामों में एक रूप में उभरा है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से बहुत सारी बड़ी मूर्तियों को जीवंत बनाया है। उनकी कला ने लोगों को आकर्षित किया है और उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां देशभक्ति और धार्मिक भावनाओं को दर्शाने का कार्य किया है।
अयोध्या राम मंदिर में अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई रामलला की मूर्ति गर्भ गृह मे स्थापित करने का निर्णय लिया है। इनके द्वारा बनाया हुई राम लल्ला (5 वर्षीय) की मूर्ति अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित होने जा रही है।
Arun yogiraj का पारिवारिक परिचय –
Arun yogiraj के पिता योगिराज शिल्पी एक कुशल मूर्तिकार हैं, और उनके दादा बासवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा ने संरक्षित किया था, इससे Arun yogiraj का कला के प्रति संबंध बचपन से ही जुड़ा था। दादा और पिता दोनों मूर्तिकार थे । इसलिए कला के प्रति इनकी रुचि इनहे विरासत मे मिली, जो इनहे कॉर्पोरेट सेक्टर की नोकरी से शिल्पकार के क्षेत्र मे ले आई ।
Arun yogiraj की शिक्षा –
अरुण योगीराज बचपन से ही एक मेधावी छात्र रहे थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा की बात की जाए तो इन्होंने अपने क्षेत्र के स्कूल से ही प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की,यह पढ़ने में काफी अच्छे थे। इन्होंने अपनी मास्टर की शिक्षा 2008 में पूर्ण की और इन्होंने मास्टर में मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का पढ़ाई की और साथ ही साथ कॉरपोरेट सेक्टर में काफी सालों तक कार्य किया।
इन्होने HR में MBA किया और फिर HR मैनेजर की नौकरी भी की। लेकिन उनका मन नहीं लगा और ये कला उन्हें अपनी और खीचं ले गई। अरुण का अपने शिल्प के प्रति समर्पण ने सिर्फ आम जनता से ही नहीं, बल्कि उन्हें सम्मानीय व्यक्तियों से भी सम्मान दिलाया है। मैसूर के राजवंश ने उनके मूर्तिकला के क्षेत्र में उनके अत्यद्भुत योगदान के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया है।
कला के प्रति इनका प्रेम तो देखिए राम लला मूर्ति बनाते समय उन्होंने व्रत किया और सिर्फ सात्विक भोजन ही किया। अरुण योगिराज एक ऐसे मूर्तिकार हैं जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से देश को गर्वित किया है। Arun yogiraj मूलरूप से कर्नाटक के मैसूर नामक स्थान पर रहते हैं। अरुण योगिराज ने देश के सर्वाधिक प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक है इनहोने मूर्तिकार के रूप मे कई उपलबधिया भी हासिल की।
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Arun yogiraj की उम्र –
Arun yogiraj का जन्म कर्नाटक के मैसूर नामक स्थान मे 1983 को हुआ था । 5.5 फुट की उचाई के साथ गोरे रंग के आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक है । पेशे से इनकी पहचान एक मूर्तिकार के रूप मे है । इनके दो बच्चे है इनकी पत्तनी का नाम विजयतरुणी है।
Arun yogiraj के महत्वपूर्ण कार्य –
अरुण योगीराज के कार्यों की बात की जाए तो इनके पोर्टफोलियो में बहुत ही प्रमुख उपलब्धियां हुई है जिसमें सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति और केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति इन्हीं के द्वारा बनाई गई है तथा मैसूर में 11 फीट ऊंची हनुमान प्रतिभा भी इनकी श्रृंखला में शामिल है साथ ही साथ इन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं
Arun yogiraj के पुरुस्कार –
अरुण योगीराज के पुरस्कारों की बात की जाए तो इन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं जैसे इन्होने दक्षिणी क्षेत्र में यंग आर्टिस्ट्स अवार्ड जो भारत सरकार के द्वारा दिया जाता है 2014 में जीता इसके साथ ही राष्ट्र सेवा पुरस्कार मैसूर डिस्ट्रिक्ट के तरफ से 2021 में कर्नाटक गवर्नमेंट के द्वारा Rajyotsava अवॉर्ड जीता । इसके अलावा jakanachari अवॉर्ड शिल्पा Kousthubha honorific अवॉर्ड sculptors एसोसिएशन के तरफ से जीता।