Blended learning -स्वागत है दोस्तों, Blended learning के इस भाग में,आज से कुछ साल पहले पढ़ाई का सिर्फ एक तरीका होता था। जिसे हम पारंपरिक शिक्षा पद्धति के नाम से जानते थे। जँहा किताबों से भरे हुए बस्ते,एक विषय के लिए, एक अध्यापक होते थे। पढ़ाई के लिए अध्यापक और किताबे ही हमारा एक मात्र विकल्प हुआ करती थी।
अगर हमे समझ न भी आए तो इन्ही संसाधनों पर निर्भर रहना होता था। परंतु समय तथा तकनीकी ने बहुत कुछ बदल दिया है। आज की शिक्षा पारंपरिक नीतियों में आधुनिक तकनीकीओ का मिश्रण कर एक नया रूप प्रस्तुत कर दिया है।
जो सीखने तथा सिखाने के बहुत विकल्पों को जोड़ दिया है। इसी जोड़ वाले विकल्प को Blended learning के रूप में हमारे सामने आया है। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
Blended learning meaning-
Blended learning (ब्लेंडर लर्निंग) जिसे हिंदी में हम मिश्रित शिक्षा प्रणाली कहते हैं। यह वह पद्धति है, जहां हम पारंपरिक शिक्षा के साथ डिजिटल संसाधनों जैसे ऑडियो,वीडियो, ग्राफिक, प्रोजेक्टर,सॉफ्टवेयर,वेब आदि अन्य उपकरणों का समावेश करके एक ऐसी पद्धति का आविष्कार करते हैं। जो शिक्षा को रोचक तथा easy बना देता है।
यह मिश्रण होती है पारंपरिक शिक्षा तथा ऑनलाइन शिक्षा पद्धति का। पारंपरिक शिक्षा तथा ऑनलाइन शिक्षा पद्धति का मिश्रित रूप Blended learning कहा जाता है।
यह वह प्रक्रिया है जिसमें पारंपरिक शिक्षा के गुणों जैसे शिक्षक और विद्यार्थी का भौतिक जगह पर रूबरू होकर कंप्यूटर तथा वेब समर्थित शिक्षा, उपकरणों के माध्यम से कक्षा का संचालन करना Blended learning कहलाता है।
इसे हम hybrid learning (हाइब्राइड लर्निंग) भी कह सकते हैं। जिसमें एक से अधिक पद्धतियों का समावेश होता है। कहने का मतलब कक्षा में टीचर की उपस्थिति हो और समझाने के लिए किताबो के अलावा ऑडियो,वीडिओ तथा अन्य चीजों की भी सहायता ली जाए।
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अब प्रश्न यह उठता है कि यह ऑनलाइन लर्निंग से कैसे अलग है ? क्योंकि यहां पर भी हम डिजिटल तकनीकीओ का उपयोग कर रहे हैं। तो दोस्तों ऑनलाइन लर्निंग में किसी भी समय कहीं पर भी पढ़ाई की जाती है।
परंतु Blended learning मैं हम समय सीमा के अंदर पारंपरिक नीतियों के द्वारा,अनुशासन का अनुकरण करके इस पद्धति को अपनाते हैं। जिसमें हम सामाजिक नियमों के साथ स्वास्थ्य को भी केंद्रित करके इस पद्धति का संचालन करते हैं।
इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि इस पद्धति के द्वारा विद्यार्थियों का असेसमेंट के जरिए नजर रख सकते हैं कि वह ऑडियो या वीडियो या अन्य चीजों को देख रहा है या नहीं या फिर वह दिए गए कार्यों को समझ रहा है या नहीं? Blended learning के द्वारा इस पर हम ध्यान रख सकते है।
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Blended learning history-
सन 2006 में बाँक तथा ग्राहम के द्वारा लिखी पुस्तक में पहली बार ब्लेंडर लर्निंग के बारे में तथा इसके प्रकार के बारे में चर्चा की गई थी जो निम्नलिखित है चलिए सभी को देखते हैं।
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Types of Blended learning-
Blended learning का विभाजन 6 भागों में किया गया है।
- रूबरू संचालन- इसमें शिक्षक अपना लेक्चर डिजिटल माध्यमों से देता है।
- नियमित आवर्तन- इसमें विद्यार्थी कक्षा में रूबरू संचालन के द्वारा स्वयं अध्ययन करके पढ़ाई करता है।
- फ्लेक्स- इसमें शिक्षकों का सिर्फ योगदान और सलाह देना होता है, इसमें विद्यार्थी संपूर्ण अध्ययन इंटरनेट तथा डिजिटल संसाधनों का प्रयोग करके करता है।
- प्रयोगशाला -इस प्रकार के अध्ययन में एक स्थान में इंटरनेट तथा डिजिटल संसाधनों का उपयोग करके पढ़ाई की जाती है।
- स्वतः ब्लेंड- इसमें शिक्षार्थी खुद की अपनी सोच अपनी जरूरतों अपनी प्रेरणा से अपने पढ़ाई की सामग्री को ऑनलाइन साधनों के द्वारा पूरा करता है।
- ऑनलाइन संचालन- इसमें संपूर्ण पाठ्यक्रम ऑनलाइन संसाधनों के द्वारा ही पढ़ाया जाता है।
Blended learning की विशेषता-
- यह पारंपरिक शिक्षा तथा ऑनलाइन शिक्षा के मुकाबले अधिक प्रभावशाली है।
- इसमें सहयोगी शिक्षात्मक अनुभव तथा सामाजिक तत्वों के सभी गुणों का समावेश होता है।
- विद्यार्थियों के लिए अनुसार अनुशासनात्मक शिक्षा तथा संतोष जैसे गुणों का समावेश होता है।
- तकनीकी के उपयोग के द्वारा अध्यापक तथा छात्रों के बहुमुखी विकास होता है।
- इसमें विद्यार्थी अपने शिक्षा की समझ का गुणात्मक तथा मात्रात्मक मूल्य को कंप्यूटर के आधार पर कर सकते हैं।
- इसमें समय तथा एनर्जी की भी बचत होती है।
- इसमें रोचकता बनी रहती है।
अविशेषता –
- बहुत से संसाधन पर निर्भर होना पड़ता है।
- बहुत सारे सॉफ्टवेयर की भी आवश्यकता पड़ती है।
- अच्छे परिणाम के लिए साधनो का विश्वसनीय होना जरुरी है।
conclusion –
दोस्तों आज के इस भाग में हमने blended learning के बारे में जाना,तथा इसके भाग और इसकी विशेषता,गुणों और अवगुणों से परिचित हुए। कुल मिलाकर blended learning एक बहुत ही रोचक पद्धिति है शिक्षा के क्षेत्र में। जिससे विद्यार्थी को बहुमुखी प्रतिभावान बनने में सहायक सिद्ध होगा। अतः स्कूल,शिक्षक तथा विधार्थी को इससे जुड़ना एक सकारात्मक कदम साबित होगा। धन्यवाद