Disease X क्या है ?
कोरोना बीमारी से अभी अभी हम निकले ही थे की नई बीमारी Disease X फिर से दुनिया को दहलाने के लिए दस्तक दे रहा है । डॉक्टर के अनुसार यह कोरोना से 7 गुना अधिक घातक है। आईए हम ईस बीमारी के सभी पहलुओ पर जानते और समझते है जैसे एसके लक्षण,बचाओ,वेकसीन आदि।
Disease X” एक सामान्य रूप से बीमारी के लिए प्रयुक्त शब्द नहीं है और यह किसी विशिष्ट रोग का नाम नहीं है। इसके बजाय, “Disease X” आमतौर पर एक हिपोथेटिकल या संभावित रोग को दर्शाने के लिए उपयोग होता है, जिसका अभी तक ज्ञात नहीं है लेकिन जिसका प्रकार और उपयास तय किया जाता है कि यह बड़ी मात्रा में मानव जनसंख्या को प्रभावित कर सकता है।
Disease X” का खयाल विशेषकर विशेषजनक और नए इन्फेक्शन्स और रोगों के साथ संबंधित वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे कि बहुरोगिता और पंडेमिक्स की रूपरेखा बनाने के लिए। इसका मकसद यह है कि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य नियामकों को नए और अज्ञात रोगों के साथ संबंधित जोखिमों को पहचानने और सावधानी बरतने की तैयारी करने में मदद करना है।
Disease X कैसे फैलता है ?
कोई भी ऐसा कीटाणुजो बीमारी फैलने वाला जो किसी मच्छर या जानवर के जरिए या लैब में बनाया गया वायरस जो बड़ी तेजी से फैलने की क्षमता रखता हो वह Disease X का रूप ले सकता है। हर वाइरस या इन्फेक्शन की फैलाने के लिए तीन चीज चाहिए पहले है होस्ट यानी इन्फेक्शन को फैलाने वाला जीव इंसान या जानवर। दूसरी चीज है वायरस की फैलने की क्षमता तथा तीसरी चीज है वातावरण यानी क्या इंफेक्शन के फैलने के लिए वातावरण ठीक है या नहीं। जिस बीमारी को यह तीनों चीज मिल जाए वह डिजीज एक्स का रूप ले सकती है ।
अर्थात डिजीज एक्स का मतलब है कोई भी ऐसा वाइरस या दूसरा इन्फेक्शन इन्फेक्शन जिसे फैलाने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है यानी डिजीज एक्स कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि कोई भी बीमारी जिस तेजी से फैलने के लिए सभी चीज मिले और यह भारी तबाही मचा सके उसे डिजीज एक्स कहते हैं
Disease X क्या यह खतरनाक है?
कोविद-19 के दौरान पहली डेल्टा स्ट्रेन इस तरह से डिजीज एक्स ही था । इबोला और जीका वायरस भी डिजीज एक्स का ही एक उदाहरण है यानी कोई भी ऐसा इन्फेक्शन जिसे वैश्विक महामारी बनने की क्षमता है वह डिजीज एक्स कहलाती है। डिजीज एक्स एसका नाम एसलीए दिया गया है की एसके द्वारा बीमारी की गंभीरता का पता चले।
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Disease X का लक्षण क्या है ?
इस तरह की ज्यादातर बीमारियों बीमारियां सांस के जरिए फैलती है इसके बाद भी ईबोला जैसा वायरस आते हैं जो मल मूत्र और खून के जरिए फैलते हैं इस तरह की बीमारियों में बुखार जुकाम खांसी सांस में दिक्कत जैसे लक्षण दिखाई देते हैं । एसकी स्थिति गंभीर होती है तो ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ सकती है। इसके बाद बारी आती है इबोला और लासा वायरस की इनमें बुखार के साथ हाथ पैरों पर लाल चकत्ते और खुजली हो सकती है कुछ समय के बाद शरीर के कई हिस्सों से खून निकलने लगता है।
Disease X का इलाज क्या है ?
डिजीज एक्स से बचाव ही इसका इलाज है क्योंकि ज्यादातर वायरस से होने की बीमारियां की वैक्सीन नहीं है इसलिए इसे दुनिया भर में फैलने से रोकना जरूरी है । इसके लिए समय-समय पर एयरपोर्ट यात्रियों की जांच करना जरूरी है साथ ही डब्ल्यू एच ओ जैसे संस्थाए भी तेजी से फैल रही बीमारी पर नजर रखें । ताकि वह डिजीज एकस न बन सके ।
जब भी वातावरण के साथ छेड़छाड़ होती है तो वायरस भी अपने अंदर बदलाव लाना शुरू करते हैं अपने अंदर म्यूटेशन करना शुरू करते हैं जिसके कारण नए-नए वायरस नई-नई बीमारियों को जन्म देते हैं। डिजीज एकस से बचाव के लिए यह बहुत जरूरी है कि समय पर वैक्सीन लगाई जाए । डिजीज के गंभीर नतीजे से बचा जा सकता है केवल और केवल वैक्सीन लगवा कर यह कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक प्रकार का वायरस है जो बहुत तेजी से फैलता है।