Lakh Ki Chudiyan Class 8 Lesson Summary NCERT

Lakh Ki Chudiyan -कहानी का सारांश

Lakh Ki Chudiyan लाख की चूड़ियाँ – पाठ के द्वारा लेखक कामतानाथ ने मशीनी युग में कारीगरों की दुर्दशा को हमारे सामने प्रस्तुत करने की कोशिश की है। लेखक के बचपन में बदलू नामक एक मनिहार रहता था। लाख की चूड़ियां बनाना उसका पेशा था। वह भोला भाला था । वह लेखक को लाख की गोलियां बनाकर देता था। इसलिए लेखक उसे बहुत चाहते थे और काका का कर पुकारते थे।

बदलू भी लेखक को प्यार से काका कह कर पुकारता था। उसके द्वारा बनाए चूड़ियों को गांव की सभी स्त्रियां पसंद करती थी। शादी विवाह में उनकी चूड़ियों का मूल्य और भी बढ़ जाता था। लेखक छुट्टियों में मां के गांव जाते तो बदलू से अवश्य मिलते। लेखक के पिता की बदली दूर शहर में हो जाती है।

बड़े होने के बाद लेखक बदलू से मिलकर अपना परिचय देते हैं। और उनकी स्थिति पूछते हैं तो उनकी बातों से उनकी दयनीय स्थिति का पता चलता है। नया फैशन कांच की चूड़ियों ने बदलू के काम धंधे को ठप कर दिया फिर भी वह अपनी कारीगरी के सहारे ही जीना चाहता है। यह जीवन सिद्धांत एक कलाकार के स्वाभिमान को दर्शाता है।

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Lakh Ki Chudiyan- प्रश्न उत्तर

प्रश्न १- बचपन में लेखक अपने मां के गांव चाव से क्यों जाता था और बदलू को बदलू मामा ना कह कर बदलू काका क्यों कहा करता था?

उतर – बचपन में लेखक अपने मां के गांव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के गांव में लाख की चूड़ियां बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से बहुत लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग बिरंगी गोलियां दिया करता था। इसलिए लेखक अपने मां के गांव जाता था गांव के सभी लोग बादलों को बदल काका का कर पुकारते थे। इसी कारण लेखक को बदलू काका कहा करते थे।

प्रश्न २- वस्तु विनिमय क्या है विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है ?

उतर -वस्तु विनिमय में एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु को लिया जाता था।वास्तु के बदले पैसा नहीं दिया जाता था ।वस्तु के बदले वस्तु ही दी जाती थी। परंतु अब मुद्राओं के चलन के कारण वर्तमान समय में वस्तु का लेन-देन मुद्राओं के द्वारा होता है। वर्तमान में विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसा है।

प्रश्न ३- मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं इन पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?

उतर – मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं इन पंक्तियों में लेखक ने मशीनों के प्रयोग के कारण समाज में बढ़ती बेरोजगारी की तरफ संकेत किया है । मशीनीकरण के कारण लघु उद्योग खत्म हो गए हैं कार्यक्रमों के पैतृक व्यवसाय बंद हो गए हैं इसकी वजह से उनकी रोजी-रोटी पर तो असर हुआ ही है मशीनों ने लोगों को बेरोजगार भी बना दिया है।

प्रश्न ४ – बदलू के मन में ऐसी कौन सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी ना रह सकी ?

उतर – बदलू लाख की चूड़ियां बेचता था परंतु जैसे ही कांच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ गया उसका व्यवसाय कम होता चला गया । अपने व्यवसाय की दुर्दशा बदलू को मन ही मन को कचोड़ती थी की मशीनी युग के कारण अनेक कारीगर बेरोजगार हो गए हैं अब लोग कारीगरी ना देखकर कर दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। यह व्यथा लेखक से छिपी ना रह सकी।

प्रश्न संख्या 5 – मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या-क्या बदलाव आया?

उत्तर – मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया कि बदलू का व्यवसाय ठप हो गया। अब उसके पास कोई रोजगार नहीं था। अब वह उदास रहने लगा। काम न होने की वजह से उसका शरीर भी ढल गया था।

Lakh Ki Chudiyan के शब्दार्थ –

  • चाव -रुचि
  • विभिन्न -तरह-तरह की
  • पैतुक – पिता से प्राप्त, पुश्तैनी
  • सलाख -सलाई
  • मुखातिब -देखकर बात करना
  • फ़वना -जांचना
  • अतीत -बीता समय
  • व्यथा – पीर और दुख
  • खपत -माल की बिक्री
  • पगड़ी – साफा। 

Lakh Ki Chudiyan – लेखक का परिचय

  • नाम -कामता नाथ
  • जन्म -22 सितंबर 1935 लखनऊ, उत्तर प्रदेश
  • रचनाएं -उपन्यास : सुबह होने तक, तुम्हारा नाम,
  • कहानी संग्रह – तीसरी सांस रिश्ते नाते
  • नाटक -फूलन संक्रमण
  • सम्मान – यशपाल पुरस्कार, मुक्तिबोध पुरस्कार, साहित्य भूषण पुरस्कार
  • मृत्यु – 25 मई 1915

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