NCERT solution class 10 Sanchyan Topi Shukla टोपी शुक्ला

NCERT solution class 10 Hindi Sanchyan Topi Shukla टोपी शुक्ला

प्रश्न संख्या 1- रामदुलारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा ? टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर स्पष्ट करें?

व्याख्यात्मक हल उतर -टोपी के द्वारा अम्मी कहे जाने पर टोपी के घर में बवंडर पैदा हो गया फुल विराम दादी के उकसाने पर मत रामदुलारी ने टोपी की बहुत पिटाई लगाई तथा इसे इफ्फन से न मिलने की हिदायत दी। लेकिन मार खाकर भी टोपी ने इफ्फन से मिलना नहीं छोड़ा । इसी कारण टोपी बहुत उदास हो गया तथा उसका पूरा बदन दर्द करने लगा।

उसे अपनी दादी से नफरत हो गई। वह सोचने लगा कि काश इफ्फन की दादी से उसकी दादी को बदला जा सके। इफ्फन की दादी के मरने पर उसने इफ्फन से कहा भी की यह तेरी दादी की जगह मेरी दादी मर जाती तो अच्छा था वही वह मुन्नी बाबू से भी गिरना करने लगा। बस वह बस यही सोचता रहता था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।

प्रश्न संख्या 2 – टोपी ने इरफान की दादी से अपनी दादी बदलने की बात क्यों कहीं? इससे बाल मन की किस विशेषता का पता चलता है।

उत्तर- टोपी और इफ्फन की दादी के बीच बड़ा ही सहज और आत्मीय संबंध था। इफ्फन और उसकी दादी से दोस्ती के बाद टोपी के जीवन में कुछ खुशियां आई। उसे इफ्फन की दादी से भरपूर प्यार मिला था। वे कभी बच्चों को डांटती नहीं थी। उसे बड़े प्यार से अपने पास बैठ कर बात करती थी। उसका स्वभाव स्नेह पूर्ण और महत्व से भरा था।

इन्हीं कर्म से टोपी ने इफ्फन से दादी बदलने की बात कही। इससे बाल मन की इस बात का पता चलता है कि बच्चे स्नेह और आत्मीयता की भाषा समझते हैं।प्रमाण स्वरूप इरफानके पूरे घर में था उसकी दादी को छोड़कर हर व्यक्ति किसी न किसी तरीके से टोपी का दिल दुखाया करता था

फिर भी टोपी किसी न किसी बहाने इफ्फन के घर पहुंच जाया करता था। यह दोनों के अटूट प्रेम का परिणाम था कि अपने घर के लोगों को मना कर देने के बाद टोपी इफ्फन के घर जाकर उसकी दादी से कहानी सुनता था। वह इफ्फन की दादी के आंचल में अपना अकेलापन भूल जाता था। इससे यह भी पता चलता है कि बाल मां पर प्यार वर्षने का बहुत प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न संख्या 3 – घरवालों के मना करने पर भी टोपी का लगाओ इरफान के घर और उसकी दादी से क्यों था? दोनों के अंजान अटूट रिश्ते के बारे में मानवीय मूल्य की दृष्टि से अपने विचार लिखिए।

उत्तर – टोपी के घर वालों ने जब टोपी के व्यवहार में इफ्फन का प्रभाव देखा तो उन्होंने इसे इरफान के घर जाने से मना कर दिया था परंतु टोपी का लगाओ इफ्फान की दादी से था। वह जब भी इफ्फन के घर जाता तो उसकी दादी के पास ही बैठने की कोशिश करता था।

इफ्फन की बड़ी और अम्मी उसकी बोली पर हंसती तो दादी ही बीच बचाव करते हुए टोपी की भाषा में उन्हें डांटती थी। वह बारिश ने और आत्मीयता से उससे बात करती थी।

टोपी और इफ्फन की दादी अलग-अलग जाति और मजहब के थे मगर दोनों और टूट रिश्ते में बंधे थे। प्यार का बंधन किसी जाति और धर्म को नहीं मानता। जब दिल से दिल मिलता है तो जाति और धर्म बेमानी हो जाती है। दादी ने टोपी के दिल को पहचान और टोपी ने दादी के प्यार को मन।

इस प्रकार दोनों एक पाक साफ रिश्ता बन गया। इफ्फन की दादी के आंचल में टोपी(Topi Shukla)अपना अकेलापन भूल जाता था। दादी को भी टोपी के साथ अपनेपन का एहसास होता था।

प्रश्न संख्या 4 – समाज में समरसत्ता बनाए रखने के लिए टोपी और इरफान जैसे पत्रों का होना आवश्यक है। तीन तर्क देकर पुष्टि कीजिए?

उत्तर – समाज में समरसत्ता बनाए रखने के लिए टोपी और इफ्फन जैसे पत्रों का होना आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित तर्क दिए जा रहे हैं।

1 – इफ्फन और टोपी जिगरी दोस्त हैं। दोनों आजाद प्रवृत्ति के हैं। अलग-अलग धर्म के होने पर भी दोनों में आत्मीयता है। दोनों एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं। सुख दुख में सहभागी होते हैं तथा एक दूसरे के मनोभाव को समझते हैं।

2 दोनों धार्मिक सद्भावना के प्रत्यक्ष उदाहरण है दोनों का विचार है कि प्रेम न जाने जात-पात प्रेम न जाने खिचडी भात दोनों अपने प्रेम के आधे धर्म और जात-पात को नहीं आने देते। मित्रता सामाजिक सौहार्द में सहायता होती है।

3 तर्क यह दिया जाता है कि दोनों अपने प्रेम में रहन-सहन हैसियत व रीति रिवाज को नहीं आने देते थे। टोपी(Topi Shukla ) संपन्न परिवार से था तथा इरफान सामान्य परिवार से पर इससे दोनों की मित्रता में कोई कमी न थी।

प्रश्न संख्या 5-टोपी और इरफान अलग-अलग धर्म और जाति से संबंध रखते थे पर दोनों इक्ट्टू रिश्ते में बंधे थे। इस कथन के आलोक में टोपी शुक्ला कहानी पर विचार कीजिए।

उत्तर-राही मासूम राजा की कहानी टोपी शुक्ला (Topi Shukla ) में इफ्फन व टोपी जिगरी दोस्त है टोपी और अलग-अलग जाति और मजहब के है। धर्म भाषा पारीक पारीक वातावरण रहन-सहन आदि में पूर्णता विभिन्न होते हुए भी दोनों गहरे मित्र थे।दोनों अटूट रिश्ते से बंधे थे।

यह रिश्ता आंतरिक था बाहर नहीं प्यार का बंधन किसी जाति और धर्म को नहीं मानता। जब दिल से दिल मिलता है तो जाति और धर्म बेमानी हो जाते हैं। दोनों आजाद प्रवृत्ति के हैं अलग-अलग धर्म होने पर भी दोनों में आत्मीयता है।

दोनों एक दूसरे के धर्म को सम्मान करते हैं सुख-दुख में सही भाग होते हैं तथा एक दूसरे के मनोभाव को समझते हैं। इस प्रकार से दोनों धार्मिक सद्भावना के प्रत्यक्ष उदाहरण है। दोनों का विचार है कि प्रेम जात पात रहन-सहन हैसियत वर्ती रिवाज को आर्य नहीं आने देता है।

प्रश्न संख्या 6 – टोपी शुक्ला कहानी में हमें क्या संदेश मिलता है ? भारतीय समाज के लिए यह कैसे लाभकारी हो सकता है? तर्क सहित उत्तर दीजिए

उतर – टोपी शुक्ला (Topi Shukla) कहानी के माध्यम से कहानीकार ने हमें यह संदेश दिया हैऔर प्रेरणा भी दी है कि हमें यह समझना चाहिए कि सभी मनुष्य एक समान है। वे पहले इंसान है और बाद में हिंदू मुसलमान। हमें टोपी शुक्ला कहानी के अनुसार सांप्रदायिक भेदभावना को आर्य नहीं आने देना चाहिए।

सांप्रदायिक एकता और सद्भावना बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। यह सद्भावना ही तनाव झगड़ों को समाप्त कर सामाजिक सौहार्द की स्थापना कर सकती है। भारत जैसे विभिन्न धर्म लंबियों वाले राष्ट्र में इसके अनेक लाभ है।

इससे सांप्रदायिक विवाद समाप्त होंगेसही सुनता का माहौल बनेगा जो संगठित वह शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण में सहायक होगा और विकास के पद पर अग्रसर हो सकेगा। इरफान और टोपी शुक्ला (Topi Shukla )की मित्रता में जाती वह धर्म का कोई बंधन नहीं था।

इस प्रकार की मित्रता सामान सामाजिक सौहार्द बढ़ाने में सहायक होती है। ऐसी मित्रता में कोई भेदभाव भी नहीं होता नव पारिवारिक स्तर पर और ना ही सामाजिक स्तर पर। इससे दो अलग-अलग भाषाओं व संस्कृतियों को जोड़ने में सहायता मिलती है।

प्रश्न संख्या 7-पढ़ाई में तेज होने पर भी कक्षा में दो बार फेल हो जाने पर टोपी के साथ घर पर या विद्यालय में जो व्यवहार हुआउसे परमानवीय मूल्य की दृष्टि से टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- पाठ टोपी शुक्ला(Topi Shukla ) में टोपी एक छात्र होने के बावजूद कक्षा में दो दो बार फेल हो गया पहली बार जब वह फेल हुआ तो उसे अपने घर वालों के कटु वचन सुनने पर है। टोपी की दादी ने उसे अनेक उलाने दिए और अपने से छोटे छात्रों के साथ एक ही कक्षा में बैठना टोपी के लिए बहुत अपमानजनक थाटोपी पढ़ाई में अच्छा था परंतु जब भी वह पढ़ने बैठता तो उसका बड़ाभाई मुरली बाबू उसे कोई काम थमा देता था

फिर उसकी माता उसे बाजार सामान लाने हेतु भेज देती थी। उसका छोटा भाई उसके कॉपियां के जपतजहाज बनाकर उड़ा देता था। इन सभी परेशानियों की वजह से टोपी(Topi Shukla ) कक्षा में फेल हो गया और दूसरी बात उसे टाइफाइड हो गया था।

इस वजह से वह पढ़ाई में दूसरी बार फेल हो गया दो बार फेल होने के कारण अध्यापक भी उसे कटु वचन कहने लगे टोपी (Topi Shukla ) भीतर से मर चुका थाउसके कक्षा के छात्र तक उसका मजाक बनाते थे जब टोपी मेहनत करके किसी प्रश्न का जवाब देने का प्रयास करता था

तो उसे अकेलेअगले साल उत्तर देने को कह दिया जाता था यह उलाने सुन सुनकर टोपी बिल्कुल मा सा गया था। वहां सारे व्यवहार मानवीय के विरुद्ध है। टोपी(Topi Shukla ) के अध्यापकों को उनकी सहायता करनी चाहिए थी एवं उसके माता-पिता को उसे लाड प्यार से समझना चाहिए था ताकि वह अकेला न महसूस करें।

प्रश्न संख्या 8- घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाओ इरफान के घर और उसकी दादी से क्यों था दोनों के अंजना टूट रिश्ते के बारे में मानवीय मूल्य की दृष्टि से अपने विचार लिखिए।

उतर – टोपी(Topi Shukla ) ने दादी के प्यार को मन इस प्रकार दोनों में एक पाक साफ रिश्ता बन गया। इरफान की दादी के आंचल में टोपी अपना अकेलापन भूल जाता था। दादी को भी टोपी के साथ अपनेपन का एहसास होता था।

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प्रश्न संख्या 10 टोपी शुक्ला पाठ में इरफान की दादी के स्वभाव की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिसके कारण टोपी ने दादीको बदलने की बात कही?

उत्तर- टोपी (Topi Shukla )और इफ्फन की दादी के बीच बड़ा ही सहज और आत्मीय संबंध था। इफ्फन और उसकी दादी से दोस्ती के बाद Topi Shukla के जीवन में कुछ खुशियां आई। उसे इफ्फन की दादी से भरपूर प्यार मिला था। वे कभी बच्चों को डांटती नहीं थी। उसे बड़े प्यार से अपने पास बैठ कर बात करती थी। उसका स्वभाव स्नेह पूर्ण और महत्व से भरा था। लेकिन ठीक इसके उल्टा Topi Shukla की दादी का स्वभाव था । जिसके कारण टोपी ने दादी को बदलने की बात कही।

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