Paryayvachi shabd किसे कहते है? 60 महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द paryayvachi shabd in hindi –
पर्यायवाची शब्द की परिभाषा paryayvachi shabd in hindi –
Paryayvachi shabd-वे शब्द जिनके अर्थ लगभग एक ही होता है उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं।अगर दूसरे शब्दों मे कहे तो-एक जैसे अर्थ रखने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।
पर्यायवाची शब्द का अर्थ –
एक जैसे अर्थ रखने वाले शब्द Paryayvachi shabd(पर्यायवाची शब्द) कहलाते हैं। किसी भाव विचार या वस्तु विशेष का वर्णन करने के लिए कई बार आवश्यकता अनुसार इसका बोध कराने वाले शब्दों का बार-बार प्रयोग करना पड़ता है। ऐसी जगह यदि एक ही शब्द का प्रयोग हर बार किया जाए तो वह अटपटा लगता है। इसलिए कई बार सही अर्थ का बोध कराने वाले अलग-अलग पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करना जरूरी एवं उपयुक्त प्रतीत होता है।
पर्यायवाची शब्द क्यों जरूरी होते है ?
पर्यायवाची शब्दों (Paryayvachi shabd)के प्रयोग से भाषा की सुंदरता भी बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त अपनी भाषा शैली को प्रभावशाली बनाने एवं एक ही शब्द की पूर्ण आवृत्ति को रोकने हेतु पर्यायवाची शब्द का प्रयोग किया जाता है। पर्यायवाची शब्द संदर्भ के अनुसार प्रयुक्त किए जाते हैं। रूड शब्दों के साथ-साथ योग शब्दों का भी पर्यायवाची शब्दों के रूप में लिया जाता है।
कभी-कभी योग रूढ़ शब्द भी पर्यायवाची बनकर प्रयुक्त होते हैं। संजीव और उन्नतशील भाषा दूसरी भाषाओं के प्रभाव को भी ग्रहण करती रहती है इस कारण से भी पर्यायवाची शब्द शब्दों की संख्या बढ़ती जाती है।
व्याकरणों ने तीन प्रकार के पर्यायवाची शब्द( Paryayvachi shabd)होते है। 1 पूर्ण पर्याय 2 पूर्णापूर्ण पर्याय और 3 अपूर्ण पर्याय
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पर्यायवाची शब्दों की सूची-
वे शब्द जिनके अर्थलगभग एक ही होता है उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं,पर हर शब्द में कुछ ना कुछ सूक्ष्म अंतर अवश्य रहता है जैसे कमल और पंकज। चलिए कुछ पर्यायवाची शब्द (Paryayvachi shabd) देखते हैं-
- अग्नि-आग, ज्वाला ,अनल, पावन
- अतिथि-मेहमान पहुना आगंतुक अभ्यागत
- अद्भुत-अनुपम अलौकिक असाधारण आदित्य
- अनुपम-अतुल्य,निरुपम,अनोखा, विचित्र
- अमृत-सुधा,पीयूष, अमिय
- अरण्य-कानन,विपिन,वन, जंगल
- आंख-नयन,छाजू नेत्र लोचन, दुर्ग
- आकाश-आसमान, गगन, नव, व्योम ,अंबर ,अंतरिक्ष
- आभूषण-भूषण अलंकार गहना, जेवर
- इंद्र-देवेंद्र,सुरेंद्र देवराज,सुरेश,सुरपति
- उद्देश्य-लक्ष्य,धैर्य,इरादा,मकसद, हेतु,प्रयोजन
- उपवन-वाटिका,बगीचा,फुलवारी,उद्यान
- कमल-सरोज,जलज,अंबुज, नीरज,राजीव,अरविंद
- कर्म-कार्य,कृत्य,काम
- किनारा-तट,तीर,कुल,कगार,पुलिन
- किरण-रश्मि,अंशु,मरीचि,कर,ज्योति,दीप्ति
- कृपया-अनुग्रह,दया,अनुकंपा,करुणा,मेहरबानी
- गंगा-भागीरथ,मंदाकिनी,सुरसरिता,देवनदी
- चंद्रमा-चंद्र,शशि,राकेश,मयंक,सोम,शशांक,ईदू,चंद,सुधांशु
- झंडा-पताका,ध्वज,केतु,निशान
- तलवार-कारवाल,कृपाण,खड़ग्,शमशोर,खंग,चंद्रहास
- तिरस्कार-अपमान,निरादर,अनादर,बेज्जती और असम्मान
- त्याग-बलिदान,उत्सर्ग,कुर्बानी
- दशा- अवस्था,स्थिति,हालात,स्थिति,हाल
- दास-सेवक,अनुचर,नौकर,चाकर
- दिन-दिवस,वार,वासहर दवा
- दुख-पीरा,व्यथा,क्लेश,यातना, वेदना, संताप
- दुनिया-विश्व, संसार,जगत,जग,लोक
- देवता-देव,सुर, अमर निरजर
- दरिद्र-गरीब,विपनं,धनहीन, निर्धन, कंगाल
- धनुष-चाप, धनु, कमान ,सरासन ,कोदंड
- नदी-सरिता,,तटीनी, तरंगिणी,निर्झरिणी
- नूप- राजा,भूपति, नरेश, माहिपती, बादशाह, सम्राट
- पति-स्वामी, भर्ता,आर्यपुत्र,कंत, नाथ
- पत्नी- भार्या, कांता,परिणीता, अर्धांगिनी
- पवित्र-निर्मल,साफ,स्वच्छ,शुद्ध
- पर्वत-अचल,गिरी, शेल, पहाड़,नग
- पृथ्वी-वसुधा,धरती, भू, धरा, धरती, अवनी,मही
- फूल-कुसुम,पुष्प,सुमन,प्रसून
- बसंत -ऋतुराज, कुसुमाकर,मधुमास, वसंत
- बाण -तीर, शर,सायक, सिलिमुख
- बादल-मेघ,गगन,जलधर, जल्द, वारिद, नीरद
- बिजली-विद्युत, चपल, तड़ित, चंचल, दामिनी, सौदामिनी
- मनुष्य- मानव,मनोज,आदमी, इंसान, नर
- मित्र-दोस्त, शाखा, साथी, सहचर,सुहृदय
- यश-कीर्ति,ख्याति,प्रसिद्ध
- युद्ध-रन, समर, लड़ाई, संग्राम।
- रात्रि- निशा, रजनी, यम, निशि, यामिनी,विभावरी
- वृक्ष-पेर,पादप,तरु,विटप, दुरम्
- वायु -हवा, पवन, अनिल, समीर, मारुति
- शत्रु-वेरी, रिपु,दुश्मन,अरि,विपक्षी
- शरीर-तन,देह,काया,गात कलेवर,गात्र
- शोभा-सुंदरता, छटा,सुषमा,सौम्या
- समुद्र-उदधि, जलधी,सागर,सिंधु, अबुद्धि,
- सांप-नाग,सर्प अहि, भुजंग, व्याल
- सिंह-केसरी, व्याघ,हरि, मृगपती,शेर
- सूर्य-दिनकर, भास्कर, रवि, सूरज, दिवाकर, दिनेश, भानु
- स्त्री-नारी,महिला,अबला, रमणी, कामिनी
- हाथी-मातंग, कुंजर, गयंद, दंती.
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