विशेषण किसे कहते है? Visheshan Kise kahate hain & 4 bhed

Visheshan Kise kahate hain?

स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व और सरल स्वभाव के कारण सबके प्रिय नेता थे। यह अपनी भोली सूरत, साधारण वेशभूषा तथा प्रतिभा और बुद्धि की विशेषता, इन्हें विशेष सम्मान प्रदान करती थी।

उपर लिखे वाक्यों में बोल्ड किए हुए शब्द, भारत के प्रधानमंत्री के बारे में बता रहे हैं। स्वतंत्र शब्द भारत की विशेषता बता रहा है,तथा प्रथम, प्रभावशाली, सरल, प्रिय, भोली,और साधारण शब्द लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व, स्वभाव, चेहरे, और वेशभूषा की विशेषता बता रहा है, जो विशेषण है। अर्थात-

 जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताएं उसे विशेषण कहते हैं।

विशेष्य किसे कहते है?

जिन संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है वह विशेष्य कहलाती  है, जैसे-

विशेषणविशेष्य
भोलीसूरत
साधारणवेशभूषा
प्रभावशालीव्यक्तित्व
सरलस्वभाव
प्रथमप्रधानमंत्री

Visheshan Ke bhed- विशेषण के भेद

इसके चार भेद होते हैं 1 गुणवाचक 2 परिणामवाचक 3 संख्या वाचक 4 सर्वनामिक

 गुणवाचक –

जो विशेषण अपने विशेष्य के गुणों के बारे में अवगत कराते हैं, वह गुणवाचक कहलाते हैं जैसे-

  • राधा एक ईमानदार लड़की है।
  • परिश्रमी व्यक्ति सफल होते हैं।  

अर्थात गुण, दोष, आकार, प्रकार, रूप रंग, अवस्था, दशा, स्थिति, आदि विभिन्न विशेषताए हो उसे गुणवाचक कहते है।

स्पर्शगर्म,ठंडा,कोमल नर्म मुलायम
दिशाउत्तर,दक्षिण,पूर्व,पश्चिम
स्थितिऊपर,निचे,अंदर,बहार,
कालदैनिक,वार्षिक,साप्ताहिक,सलाना
स्थानमैदानी,पहाड़ी,पर्वतीय देशी,विदेशी
स्वादखट्टा,मीठा,फीका,
अवस्थाबुढ़ापा,रोगी,अमिर,गरीब
रंग -रूपसुन्दर,कुरूप,आकर्षक,गोरा,काला
गुण-दोषईमानदार,सरल, योग्य,दयालु,आलसी
आकर -प्रकारचपटा,पतला,गोल,लम्बा,छोटा

परिणामवाचक  –

जो संज्ञा/सर्वनाम की माप तोल के बारे में बताते हैं,परिणामवाचक कहलाते हैं, जैसे

  • 6 लीटर दूध,
  • 3 किलो चावल,
  • 10 मीटर कपड़ा

 परिणाम वाचक के दो भेद होते हैं- १ निश्चित परिणाम वाचकअनिश्चित परिणामवाचक

निश्चित परिणाम वाचक-

जो संज्ञा के निश्चित परिणाम का बोध कराती है, उसे निश्चित परिणाम वाचक कहते हैं.

  • 5 लीटर दूध लाना है।
  • वह सब मिलकर 6 दर्जन अंडे खा जाते हैं।
  • स्कूल ड्रेस में 2 मीटर कपड़ा लगेगा इत्यादि।

ऊपर लिखे वाक्य में 5 लीटर, 6 दर्जन, 2 मीटर, संज्ञा की निश्चित मात्रा का बोध करा रहे हैं, इसलिए यह निश्चित परिणाम वाचक कहलाएंगे।

अनिश्चित परिणामवाचक –

जब संज्ञा के निश्चित परिणाम का बोध न हो तो, उन्हें अनिश्चित परिणामवाचक कहते हैं। जैसे-

  • ज्यादा खट्टा खाना ठीक नहीं है।
  • अधिक काम करो।
  • कॉफी कम पियो।

ऊपर लिखे हुए वाक्यों में ज्यादा,अधिक विशेषण शब्द है। यह संज्ञा की निश्चित मात्रा का बोध नहीं करवा रहे हैं। इसलिए इसे अनिश्चित परिणाम वाचक कहेंगे।

संख्यावाचक – 

जिस विशेषण विशेष्य में संख्या का बोध होता है,उसे संख्यावाचक कहते है। जैसे :

  • 100 आदमी
  • कुछ पल
  • सब बच्चे
  • पांचवी कक्षा। 

 संख्यावाचक के दो भेद होते हैं- निश्चित संख्यावाचक और अनिश्चित संख्यावाचक

निश्चित संख्यावाचक-

जिस विशेष्य से निश्चित संख्या का बोध होता है,उसे निश्चित संख्यावाचक कहलाते हैं,जैसे चालीस,दूसरा,प्रत्येक आदि जैसे- कल हवाई जहाज से 50 लोग आए। प्रतियोगिता में प्रथम आया। प्रत्येक विद्यार्थी को मेहनती होना चाहिए। निश्चित संख्यावाचक के पांच भेद होते हैं।

  • गणनासूचक
  • क्रमसूचक
  • आवृत्तिसूचक
  • समुदायसूचक
  • प्रत्येकसूचक

अनिश्चितसंख्यावाचक –

जो विशेष्य की निश्चित सँख्या का बोध न करवाए,उसे अनिश्चितसंख्यावाचक कहलाता है जैसे -कुछ, थोड़ा, सब,अधिक,पर्याप्त,बहुत।

  • कुछ फल लेकर आओ।
  • मोहन ने थोड़ी सी चीनी खाई है।
  • सभी जानवर चारा चरने गए।
  • बहुत लोग गाना गा रहे हैं। 

सर्वनामिक –

जब सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो,तब वह सार्वनामिक कहलाता है जैसे-

  • मेरा खिलौना कहां है ?
  • यह घर कितना सुंदर है।
  • कोई लड़का अपनी किताबें भूल गया।
  • हमारे स्कूल का वार्षिक उत्सव कल है।

यहां पर मेरा, यह, कोई,हमारे,सर्वनाम है लेकिन यह सभी क्रमशः खिलौना, घर, किताबें, लड़का संज्ञा की विशेषता बता रहा है,अतः सर्वनामिक है। इन्हे भी पढ़े –

कुछ सर्वनाम अपने मूल रूप में ही इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे कोई, कुछ लेकिन कुछ परिवर्तन के साथ, जैसे – ऐसा, इतना, कौन से, कैसा इत्यादि।

प्रविशेषण किसे कहते है ?

जो विशेषण को पूर्ण रूप से  स्पष्ट करें या उसकी विशेषता बताए वह प्रविशेषण कहलाते हैं। जैसे –

  • उमा अत्यधिक मोहक गाती है।
  • लगभग सभी दोस्त गृह प्रवेश पर आए।
  • यह बहुत मीठा खाता है।
  • मेरा पैर बिल्कुल ठीक है।

उपयुक्त उदाहरण में बहुत,अत्यधिक, बिल्कुल, लगभग, मीठा, मोहक,सभी की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए यह शब्द प्रविशेषण कहलाएंगे।

Note –

विशेषण अक्सर विशेष्य के पहले लगता है, लेकिन कभी-कभी बाद में भी लगता है। अगर विशेषण विशेष्य से पहले आए तो उद्देश्य और बाद में आए तो विधेय कहलाएंगे। जैसे -यह लाल गुलाब है। गुलाब से पहले लाल विशेषण आया है । इसलिए यह उद्देश्य है। दूसरा उदाहरण देखते हैं यह गुलाब लाल है यहां गुलाब विशेष्य है,और लाल विशेषण है, यँहा ये विधेय कहलाएगा। 

विशेषण में परिवर्तन नहीं होते लेकिन संज्ञा के लिंग और वचन के कारण इसके रूप बदल जाते हैं। जैसे पीला कपड़ा, पीले कपड़े, पीली साड़ी। कुछ संज्ञा के अनुरूप भी अपना रूप नहीं बदलते हैं जैसे -कीमती कपड़ा, कीमती कपड़े, कीमती जेवर । कुछ विशेष का केवल स्त्रीलिंग या केवल पुलिंग में ही प्रयोग होता है जैसे रूपवती लड़की, रूपवान लड़का, विदुषी छात्रा, विद्वान छात्र।

शब्दों की रचना-

कुछ शब्द मूल रूप से ही विशेषण होते हैं लेकिन कुछ आवश्यकतानुसार संज्ञा,सर्वनाम, क्रिया,अवयव शब्द से बना लिए जाते हैं।

संज्ञा से

संज्ञाविशेषण
संयमसंयमी
विज्ञानवैज्ञानिक
सुरभिसुरभित
रोगरोग
संकेतसांकेतिक
जीवजैविक
मर्ममार्मिक
भूगोलभौगोलिक
शब्दशाब्दिक

सर्वनाम से –

सर्वनामविशेषण
तुमतुम्हारा
मैंमेरा
यहऐसा
जोजैसा
हमहमारा
आपआप जैसा

क्रिया से –

क्रियाविशेषण
बिकनाबिकाऊ
हँसनाहँसोड़
पढ़नापढ़ाकू
भूलनाभुलक्कड़
घूमनाघुमक्कड़

अवयव से – 

अव्ययविशेषण
नीचेनिचला
तेजतेजी
ऊपरऊपरी
सतहसतही
आगेअगला
निष्कर्ष –

आज हमने सीखा, संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं तथा इसके चार भेद होते हैं। गुणवाचक, परिमाणवाचक, संख्यावाचक, सर्वनामिक, परिणाम वाचक के दो भेद होते हैं, निश्चित परिणाम वाचक और अनिश्चित परिणाम वाचक तथा संख्यावाचक के भी दो भेद होते हैं, निश्चित संख्यावाचक तथा अनिश्चित संख्यावाचक इसके अलावा इस भाग में हमने संज्ञा से, सर्वनाम से, क्रिया से तथा अव्यय से विशेषण कैसे बनाते हैं जाना। आशा है दोस्तों यह भाग आपको पसंद आया होगा आपके सवालों का इंतजार रहेगा धन्यवाद!