हिमा दास-ढिंग एक्सप्रेस का जीवन परिचय Hima das biography

परिचय -Hima das biography in Hindi

स्वागत है दोस्तों आज के एस भाग हिमा दास मे। हिमा दास भारत की उभरती हुई सितारा है, जिन पर पूरे भारत को गर्व है,हिमा दास ने यह साबित कर दिया विपरीत परिस्थति मे भी आप अपनी मेहनत से अपनी मंजिल पर पहुच सकते है।असम राज्य के एक किसान परिवार मे जन्मी हिमा दास ने शुरुवात मे अपनी training फुटबॉल के मैदान मे की थी।

हिमा दास
हिमा दास

इन्हे ढिंग एक्सप्रेस (ढिंग एक नागांव डिस्ट्रिक का शहर जिसकी दूरी 28 किलोमीटर है नागांव से,ढिंग मे Laokhowa wildlife sanctuary है जो central aasam मे है) हिमा दास को उडनपरी,गोल्डन गर्ल इत्यादि कई नामों से जाना जाता है। इनकी गिनती भारत की बेहतरीन धाविका मे की जाती है। 22 वर्षीय धाविका आज सभी भारतवासियों के दिल मे राज करती है। ईनका पूरा नाम हिमा रंजीत दास है। आइए इनके अब तक के जीवन यात्रा एक अद्भुत धाविका पर कुछ रौशनी डालते है ।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को भारत के असम राज्य के नागांव जिले के ढिंग के कंधूलिमारी गाँव मे हुआ था। इसी वजह से इन्हे “ढिंग एक्सप्रेस “का उपनाम दिया गया ।

इनके पिता का नाम रोंजीत दास और माँ का नाम जोमाली दास है। रोंजीत दास जहाँ एक ओर किसान है वही दूसरी ओर जोमाली दास एक गृहणी है। इनके परिवार मे एक छोटा भाई वसंत और दो छोटी बहने रिंती दास और वर्षा है।

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हिमा दास की शिक्षा

इनकी प्रारंभिक शिक्षा ढिंग पब्लिक हाई स्कूल मे हुई। स्कूली शिक्षा के दौरान इनकी रूचि फुटबॉल मे बहुत थी और ये अच्छा फुटबॉल भी खेला करती थी।

जब अपने विद्यालय में यह फुटबॉल खेल रही थी, तभी जवाहर नवोदय विद्यालय के एक शिक्षक ने इनकी प्रतिभा को पहचाना और इन्हें धाविका बनने के लिए प्रेरित किया। जिससे पेरणा पा कर हिमा ने अपनी सारी ताकत और मेहनत धाविका बनने में लगा दी।

हिमा दास की उपलब्धियां

इनकी उपलब्धियों की शुरुआत जिला स्तरीय प्रतियोगिता से दो स्वर्ण पदक हासिल करने से हुई । उस समय वे सस्ते जूते में ही अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। फिर इनकी मेहनत ने इनकी जिंदगी की दशों दिशा ही बदल डाली और आज ये एक नामी कम्पनी की ब्रांड अंबेस्टर है।

फिर इन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब कोच निपोन दास की नजर इन पर पड़ी तो वे तुरंत इनकी अतुलनीय प्रतिभा को पहचान गए और इन्हें ट्रेनिंग के लिए अपने खर्चे पर गुवाहाटी ले आए।

शुरुआत में हिमा 200 मीटर के रेस में भाग लिया करती थी, लेकिन निपोन ने 400 मीटर रेस के लिए तैयार किया। कोच निपोन के मार्गदर्शन में हिमा बेहतर प्रदर्शन करने लगी और कई रिकॉर्ड्स भी बनाएं।

हिमा का अंतरराष्ट्रीय करियर

बैंकॉक के एशियाई यूथ चैंपियनशिप 200 मीटर की रेस में 7 वे  स्थान पर आई। 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 2 मीटर की रेस में छठे स्थान पर आई।

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप कंपटीशन में जीत हासिल की। यह पहली महिला थी, जिन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स कंपटीशन में स्वर्ण हासिल किया।

इनकी यादगार उपलब्धियां यह है कि इन्होंने मात्र 1 महीने में लगातार 5 स्वर्ण पदक हासिल किए। पहला गोल्ड मेडल 2 जुलाई 2021 पोलैंड मे पोजनान एथलेटिक ग्रैंड प्रिक्स 200 मीटर की रेस में 23.65 सेकंड में पूरी की और गोल्ड मेडल हासिल किया।

नॉर्वे में मेस्टॉसिजेच रिपब्लिक 400 मीटर की दौड़ में  मात्र 52. 09 सेकंड में गोल्ड पदक जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया।

फिर 8 जुलाई को पोलैंड  में कुटजो एथलेटिक्स मीट मे 200 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक हासिल किया। रेस में इनको 23.97 सेकंड का समय लगा।

13 जुलाई 2021 मे क्जेच क्लादनो एथलेटिक मीट मे 2 मीटर की रेस में 23.43 सेकंड में जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किया। 17 जुलाई 2021 मे टाबोर एथलेटिक मीट के 200 मीटर की रेस में  स्वर्ण पदक जीतकर पांचवां स्वर्ण पदक हासिल किया।

अन्य जानकारियां

असम सरकार ने 2021मे उपपुलिस अधीक्षक का पद प्रदान किया है। यूनिसेफ के तरफ से  इन्हे युवा ब्रांड अम्बेसडर नियुकत किया गया है। एडीडास ने भी इन्हें अपना ब्रांड अम्बेसडर घोषित किया है। वर्तमान में कॉमनवेल्थ गेम 2022 मे भाग ले रही हैं।