Cyber security क्या है ? cyber safety क्या है ?
नमस्कार दोस्तों मौजूदा समय digitalization की दौड़ का है। पढ़ाई,ऑफिस,बैंक का लेनदेन मनोरंजन सब कुछ डिजिटल हो गया है। सभी काम के लिए सॉफ्टवेयर तथा इंटरनेट,एप्लीकेशन की आवश्यकता हो रही है। digitalization से काम जितना सरल हो गया है उतनी ही risky भी होती जा रही है।
एक लापरवाही एक गलती बहुत भारी नुकसान करने की क्षमता रखता है। digitalization के इस दौर में cyber crime बहुत बढ़ गया है। जिसके घातक परिणाम हम भली भांति जानते हैं। एक क्लिक,एक लिंक, एक डाटा गलत हाथों पर पहुंचने पर आर्थिक,सामाजिक मानसिक क्षति की कल्पना हमारे सोच से भी परे हो सकती है।
digitalization के इस युग में child pornography,Denial of serivces(DOS), Hacking आदि कई तरह के साइबर क्राइम है। जिसके परिणाम बहुत ही घातक होते है। इसी साइबर क्राइम तथा Cyber security के बारे में विस्तृत चर्चा आज के इस भाग में हम करने वाले हैं। जैसे साइबर क्राइम क्या है? साइबर सिक्योरिटी क्या है ? इसके उपाय, इसके प्रकार तथा और भी अन्य बातें को समझेगे।
Cyber security क्या है ? /Internet security क्या है ?
Digital कामो को करने के लिए बहुत से फैक्टर की आवश्यकता होती है। जैसे Internet,technology,network,application,software,Data इन सभी चीजों को system के साथ जोड़ा जाता है। जिससे हम digital कामो को कर सके। यही सभी चीजे cyber कहलाती है। इन सभी चीजों को सुरक्षा देने को हम Cyber security का नाम देते है।
अर्थात अपने system,application,Internet को hacker से सुरक्षित रखना Cyber security कहलाता है। चुकी इंटरनेट धीरे धीरे पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है। user की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
Devices smart होते जा रहे है। cyber crime करने वाले Loophole खोजते रहते है। आपकी कमजोरी को पकड़ कर आपको अपना फायदा करने की हमेशा फ़िराक में रहते है। इसलिए हमे secure रहना बहुत आवश्यक है। इन्ही सभी चीजों का बचाव Cyber security कहलाता है। Cyber security के तीन pillars होते है
Cyber security pillars = people+processes +technology
cyber crime क्या है ?-
यह एक ऐसा गैरकानूनी गतिविधि है,जिसमे आपके system (मोबाइल कम्प्यूटर ) से इंटरनेट तथा डिजिटल माधयम से आपका डेटा,आपकी सूचनाओं (password,content,photo) आदि तथा आपके सिस्टम की गोपनीयता को भंग किया जाता है।
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Cyber crime के प्रकार –
Malicious software – इसे malware (मैलवेयर ) भी कहते है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो आपके सिस्टम में बिना अनुमति के पहुंचाया जाता है। जिससे हैकर्स डाटा की चोरी तथा सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचाने का काम कर सके इसमें वायरस,वर्म, स्पाइकवेयर ,एडवेयर और ट्रोज़न शामिल है।
रैन्समवेयर –यह भी मैलवेयर जैसा है। लेकिन यह इसका छोटा रूप है जो आपके कंप्यूटर में घुसकर एक्सेस हासिल करने में सक्षम होता है। यह सभी फाइल को इंक्रिप्टेड करने की काबिलियत रखता है जिससे आप को नुकसान पहुंचा सके।
Child pronography -हैकरों का सबसे सॉफ्ट टारगेट child pronography है। इसके द्वारा एक चैट रूम तैयार किया जाता है। जिसमें यह खुद की Identity को सामने आने नहीं देता है। इसमें बच्चों और किशोरों को टारगेट करने की रूपरेखा तैयार की जाती है। जिससे चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल(CSAM ) का शिकार होते हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के अनुसार देश में 35 से 40 परसेंट ऐसे कंटेंट रोजाना डाउनलोड किए जाते हैं और बच्चों तथा किशोरियों को child pronography धकेला जा सके। child pronography के लिए schoolgirls,teens,desigirls टॉप सर्च वाले खोजी शब्द है।
Man in the middle –इसमें दो लोगों की बातो का पता लगाया जाता है। तथा फिर डाटा इकट्ठा कर लोगो को ब्लैकमेलिंग किया जाता है। इस तरह का cyber crime इतनी अच्छी तरह जाती है की आपको पता भी नहीं चलता की आप जिससे बात कर रहे है वह unknown बंदा है। और आप इसके शिकार हो जाते है।
spoofing –इसमें अज्ञात स्रोत्र के जरिये आप से communication शुरू किया जाता है। जैसे Ip spoofing,caller id,email ,ARP,content spoofing के जरिए fake internet Ip address का इस्तमाल कर spoofing के लिए इस्तमाल होता है।
Denial of service (Dos )-इस तरह के crime में अटैककर आपके इंटरनेट को एक्सेस करने से रोक देते हैं। जिससे सभी सर्विस ब्लॉक हो जाते हैं जो भी इंटरनेट से जुड़ी हुई रहती है। इसमें नेटवर्क को ओवरलोड कर दिया जाता है। जिससे वेबसाइट को corrupt किया जा सके और गलत मंसूबों को अंजाम दिया जा सके। यह अक्सर नए वेबसाइटों को टारगेट करते हैं जिसकी सिक्योरिटी इतनी अच्छी नहीं होती है।
Phishing –इसे इलेक्ट्रॉनिक जालसाजी भी कहते हैं। जो किसी नामी बैक या नामी कंपनी के नाम का इस्तेमाल कर आपका नाम,पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड का विवरण पैसा इत्यादि के लिए फरेब किया जाता है।
Identity theft –Identity कहने का मतलब पहचान की चोरी से है जिसमें किसी व्यक्ति का वित्तीय विवरण की जानकारी प्राप्त करने के लिए होती है इसमें Illigal लेनदेन, जैसे अपराध किए जा सके इसके लिए लोगों की Identity को चुराया जाता है इसमें धन तथा ख्याति की भारी नुकसान पहुंचाई जाती है।
Cyber stalking –इस तरह के साइबर क्राइम में गंदे मैसेज करना, गंदे ईमेल करना गंदी पिक्चरों का इस्तेमाल करना आदि शामिल है। इस तरह के क्राइम अधिकांश सोशल मीडिया के यूजर के साथ होता है। इसमें किसी के प्रोफाइल को हैक करके हैकर गलत मंसूबों को अंजाम देता है।
cyber theft –इसमें कॉपीराइट कानून का उल्लंघन कर साइबर अपराध किए जाते हैं। जिसमें पासवर्ड की चोरी, सूचनाओं की चोरी,डेटा की चोरी आदि शामिल है।
Hacking –इसमें व्यक्तिगत विवरण तथा सवेदनशील जानकारी को access किया जाता है। जिससे उपभोगता हो आर्थिक और मानसिक नुकशान पहुंचाया जा सके।
Cyber security के प्रकार/Cyber security tools
Network & Gateway security –यह एक तरह का hardware devices है। जो gate जैसा काम करता है। यह router,server,firewall जैसा भी हो सकता है। यह ट्रैफिक को network में आने तथा जाने के लिए अनुमति देने का काम करता है। network node के द्वारा यह दो नेटवर्क को कनैक्ट कर अपनी सर्विस देता है।
Application security – एप्लीकेशन security से हम अपने hardware से लेकर software तक को सुरक्षित कर सकते है। इसमें app locker की सहायता से apps को ही लॉक कर दिया जाता है जैसा अभी हम फेसबूक,टवीटरइंस्ट्राग्राम, तथा अन्य सोशल मिडिया साइट में देखते है।
Data loss prevention (DLP )- चुकी अब डाटा Cloud में सुरक्षित रहता है। इसलिए संवेदनशील डाटा के संरक्षण के लिए DLP का इस्तमाल किया जाता है। यह सिर्फ डाटा लिक से ही नहीं Data breach से भी बचता है।
Email security – email एक इजी टारगेट होता है। हैकर,मैलवेयर,फिशिंग attacker के लिए,इसलिय ईमेल सिक्योरिटी बहुत आवश्यक है अपने ईमेल प्रोटेक्शन के लिए,अपने कंटेंट को सुरक्षित रखने के लिए। इसे कुछ step के द्वारा सुरक्षित रख सकते है जैसे -block spams,use strong password,Trusted antivirus software ,Transport layer security(TLS)
Antivirus security- इसमें एक ऐसा सॉफ्टवेयर का इस्तमाल होता है। जो स्कैन कर कर वायरस जैसे मैलवेयर,स्पाइकवेयर आदि वायरस से सुरक्षित रखता है।
Types of antivirus –
- कीवक हिल एंटीवायरस
- सोफोस एंटीवायरस
- सिमेनिटक नॉटर्न
- ट्रेंड माइक्रो इंटरनेट सिक्योरिटी
Network Access control –कहने का मतलब इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी तकनीकी से है। यह हमे परमिशन देता है की कौन हमारे नेटवर्क में आ सकता है,कौन नहीं आ सकता है। यह दो तरह का होता है। १ फिजिकल एक्सेस तथा लॉजिकल Access फिजिकल access कैम्पस,बिल्डिंग,आईटी कम्पनी आदि के लिए होता है। जबकि लॉजिकल एक्सेस का इस्तमाल फाइबर डाटा के ट्रान्सफर पर कैटलौग का होता है। यह एक्सेस कोड के द्वारा संचालित होता है।
Cyber Security के फायदे –
Unauthorized एक्सेस से सुरक्षा मिलती है। network सुरक्षा मिलता है। व्यपार प्रबंधन में वर्द्धि मिलती है। वित्तीय लेनदेन सुरक्षित रहता है। फोटो ,पासवर्ड,डाटा को सुरक्षित रख सकते है।
आशा है दोस्तों यह भाग आपको पंसंद आया होगा। तथा cyber security के बारे में उचित जानकारी मिली होगी। आपके सुझाव और प्रश्नो का इंतज़ार रहेगा। धन्यवाद
बहुत हि बढीया आर्टीकल लिखा है आप ने…
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