Kubernetes -परिचय
दोस्तों आज के इस डिजिटल युग में माइक्रोसर्विस का बोलबाला है, ज्यादातर काम माइक्रोसर्विस आर्किटेक्चर (Microservice architecture) में हो रहा है। जैसा की हम जानते है, माइक्रोसर्विस में container की बहुत अहम भूमिका होती है। जो संसाधन का आवंटन तथा रिसोर्स को साझा करती है।
container Application,software की आवश्यकता dependency,लाइब्रिज,बाईनरीज का काम देखती है। पर इसकी अपनी कुछ समस्या होती है,जैसे – load balancing, Auto scaling,traffic distribution आदि की।
इन्हीं समस्या से निजात करने के लिए Kubernetes का indroduct किया गया है। इसे सर्वप्रथम के google के द्वारा develope किया गया था। फिर इसे बाद में cloud native computing foundation (CNCF) के द्वारा host किया जाने लगा।
Kubernetes क्या है ?
Kubernetes एक कंटेनर मैनेजमेंट टूल है। यह open source container orchestration है। जो कंटेनर को Automatic,deployment,scaling,container managment का काम करती है। Scaling,descaling के साथ container के load balancing का भी काम देखती है।
आज के टाइम में कंटेनर पर वर्क लोड बहुत ज्यादा हो गया है। जिससे container पर ऑटोस्केलिंग,लोड बैलेंस आदि की समस्या आय दिन बनी रहती है। जिससे कई समस्या तथा साथ साथ और भी कई समस्या जैसे आपको एप्लीकेशन को scale करना है तो यह खुद से नहीं कर पाएगा। यहां पर auto scaling संभव नहीं है।
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इसी सभी समस्याओं को Kubernetes सुलझाता है। यह एक colane programing language है। जो Master solve architecture का रोल play करता है।
Kubernetes के द्वारा, बिना कोई external टूल्स को यूज किए बिना आप कंटेनर को मल्टीपल टास्क के लिए रन करवा सकते हैं। साथ ही साथ container के लिए यह और rollback और rollout के लिए बहुत मददगार है। क्योंकि यह blue green architecture को फॉलो करता है।
In Terms of jobs –
अब सवाल उठता है कि यह करियर में कैसे हमे हेल्प कर सकता है तथा इसका भविष्य क्या है ? आज की date में सभी चीजे डिजिटल हो गया है,हम अपने कामों के लिए बहुत हद तक application तथा software पर depends रहने लगे है।
इसलिए सभी microservice को smoothly रन करने के लिए बहुत सारे मैनेजमेंट टूल की जरूरत पड़ती है। Kubernetes उन सभी में से एक है,इन दिनों यह बहुत demanded में है,जो इंजीनियर Kubernetes सर्टिफाइड हो जाते है,उनको operational जॉब में opportunities बढ़ जाती है।
Kubernetes आधुनिक operational role है। जो इस समय काफी ज्यादा माँग में है। basically devOps और site reliability engineering (SRE ) के जॉब्स में। जो अच्छी आय और उच्चतम वेतनमान के साथ करियर को शिखर तक पहुंचाने की क़ाबलियत रखता है।
Top 5 Kubernetes Tech career –
- DevOps engineer
- Senior software engineer/software engineer
- Software architect
- Cloud engineer
- Full stack developer
What is the future of Kubernetes?
अगर इसके भविष्य की बात की जाए तो इसका फ्यूचर costom resource difinition और abstruction में है। जिसमें डेवलपर्स के लिए कई नए आयाम खुलते है,जिससे कैरियर के कई विकल्पों मिलते है। अगर हम kubernetes Administrator की केवल भारत में सैलरी की बात करें, तो लगभग 4 .0 लाख सलाना है और अगर US और बाहरी किसी देश में बात की जाए तो यह $150,000 -$180,000 संभावित है।
बड़ी बड़ी कंपनी जैसे गूगल, एप्पल, microsoft ने इसमें नौकरियों की कई संभावना खोली है। भविष्य में भी माइक्रोसर्विस की मांग बढ़ने वाली है अतः इस नजर से देखे तो भी इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
How to become a kubernetes Engineer?
Kubernetes Engineer क्लाउड टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी के साथ माइक्रोसर्विसेज का ज्ञान जैसे – Linux सॉफ्टवेयर, पैकेजिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, कंफीग्रेशन आदि का उत्कृष्ट ज्ञान अति आवश्यक है
कुबेरनेटेस सर्टिफाइड बनने के लिए आपको सर्टिफाइड Kubernetes एप्लीकेशन डेवलपर परीक्षा पास करनी होती है। इस परीक्षा से आप प्रमाणित हो जाते हैं कि आप cloud-native एप्लीकेशन डिजाइन, निर्माण, कंफीग्रेशन कर सकते हैं।
How do I get Kubernetes Certified?
इसमें प्रमाण प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को 3 घंटों की परीक्षा पास करनी होती है। जिसमें 74% या इससे अधिक अंक प्राप्त करने होते हैं। CKA (certification Kubernetes Administrator) में 8 % Application lifecycle management,18 % installation configration और validation से रहता है। फिलहाल सीएनसीएफ (क्लाउड नेटिव कंप्यूटिंग फाउंडेशन )ही है जो इसके विकास रखरखाव की जिम्मेदारी के लिए अधिकृत है।
Kubernetes FEATURE
- Automatic Binpacking
- self healing
- horizontal scaling
- service Discovery and load balancing
- Store orchestration
- Batch execution
- secret and configuration management
- Automatic rollback and rollout
1 Automatic Binpacking – इसके द्वारा Application को container के रूप में deploy करते है। यदि आप चाहते है कि container automatic अपने Resource देख ले
resource को खुद ब खुद सही जगह पर relocate हो जाए साथ ही साथ resource uniform distribution भी करे तो यह Automatic Binpacking में सम्भव होता है।
Load balancing- अगर container में बहुत जायदा load आ रही है। अगर एक node down हो जाए तो automatic दूसरे nodes पर चला जाता है।
3 Service discovery – यह एक फ्रेम वर्क जिसमे आप different type ke storage solution use कर सकते है। ये आटोमेटिक store provide करता है।
4 Self healing- अगर nodes down हो जाता है,container up नहीं होता है,तो kubernetes सझम है Self healing करने में यह true self-healing concept पर काम करता है।
5 securance security- इसकी security building mechanism पर आधारित होती है।
6 Batch execution- यह two wheel mechanism पर काम करता है। जब हम kubernetes रन करते है तो जो jobs background में रन करते है। तो वह sequential batch manner में job को रन करवाता है।
7 horizontal scaling- kubernetes में fundamental unit के potes होते है। potes के अंदर containzation जो horizontally scale का काम करते है।
8 Automatic rollback and rollout- kubernetes का सबसे अच्छा feature है rollback and rollout का है यह blue green architecture को फॉलो करता है।
निष्कर्ष –
आशा है दोस्तों कुबेरनेटेस का यह भाग पसंद आया होगा। जिसमे मैंने करियर के पॉइंट ऑफ़ veiw से Kubernetes की बेसिक नॉलेज दी है जिससे इसे आसानी से समझा जा सके और करियर के रूप में हम आगे बढ़ने में हमारी help कर सके। अगर इससे संबंधित आपके पास कोई सुझावों या सवाल हो तो मुझे लिखे। जवाब देने में मुझे खुशी महसूस होगी dhaywad!