Gender-लिंग किसे कहते है ? लिंग निर्णय के नियम
दोस्तों आज के इस भाग में हम संज्ञा के विकार यानी Gender (लिंग) को आसान शब्दों में समझने का प्रयास करेंगे। तथा लिंग निर्णय के आधारभूत नियमों की व्याख्या सरल तरीके से करेंगे। जिसे याद रखने में आसानी हो। हम सभी जानते हैं कि संज्ञा विकारी शब्द है । विकारी कहने का मतलब परिवर्तनशील ।
संज्ञा का रूप समय और परिस्थिति के अनुसार बदलता रहता हैं । कभी लिंग (Gender)के कारण, कभी वचन के कारण, तो कभी कारक के कारण तथा अन्य कई कारणों से भी संज्ञा में विकार उत्पन्न होता रहता है। विकार उत्पन्न का एक प्रमुख कारण लिंग है, जो अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसी की चर्चा आज के इस पोस्ट में हम करेगें। दोस्तों संसार की बहुत सी चीज या तो स्त्रीलिंग होती है या पुलिंग होती है । अर्थात –
शब्दों के जिस रूप से स्त्री जाति का बोध हो उसे स्त्रीलिंग तथा जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध होता है उसे पुलिंग कहते हैं।
हिंदी में चाहे कोई भी चीज या तो वह सजीव हो या तो वह निर्जीव दोनों स्त्रीलिंग या पुलिंग के अंतर्गत आते हैं। इसलिए चीजों की लिंग की सही जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्योंकि लिंग और वचन के अनुसार ही क्रिया का बर्ताव होता है । जैसे- लड़का पढ़ता है या लड़की पढ़ती है।
Gender लिंग के भेद-
लिंग के दो भेद होते हैं स्त्रीलिंग और पुल्लिंग। पुलिंग– जो पुरुष जाति का बोध करवाएं उसे पुलिंग कहते हैं। तथा जो स्त्री जाति का बोध कराएं वह स्त्रीलिंग की श्रेणी में आते हैं। जैसे चाचा,दादा,पापा है। तथा चाची,दादी,मामी,काकी,आदि स्त्रीलिंग की श्रेणी में आते हैं। लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है कि हम आसानी से स्त्री स्त्रीलिंग और पुल्लिंग को पहचान सके।
इसके अलावा कुछ ऐसे शब्द है जो हमेशा पुलिंग या हमेशा स्त्रीलिंग में ही प्रयुक्त होते हैं। जैसे पुलिंग- उल्लू,पंछी,मच्छर,भेड़िया । स्त्रीलिंग जैसे- मछली,मैना,कोयल आदि इसके लिंग निर्धारण के लिए इन शब्दों के प्रारंभ में नर या मादा शब्द का प्रयोग कर लिंग की पहचान करते हैं । जैसे नर मच्छर या मादा मच्छर । साथ ही साथ कुछ और भी शब्द है जिनके प्रयोग के आधार पर पुलिंग या स्त्रीलिंग समझा जाता है ,जैसे
- डॉक्टर चेकअप कर रहे हैं।
- डॉक्टर मरीज देखने गई हैं।
- राष्ट्रपति कल विदेश से लौटेंगे।
- राष्ट्रपति कल विदेश यात्रा से लौटेंगी ।
Gender-लिंग निर्धारण के नियम-
स्त्रीलिंग और पुल्लिंग (Gender) को निर्धारण करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। परंतु कुछ शब्द नियम का अपवाद भी है। चलिए बारी बारी से सब की चर्चा करते है –
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पुलिंग के रूप में प्रयुक्त होने वाले शब्द-
- ग्रहों के नाम पुल्लिंग होते हैं जैसे सूर्य, मंगल, बुध, बृहस्पति, राहु, केतु, शुक्र, आदि अपवाद-(पृथ्वी) ।
- जल और स्थल के भागों के नाम पुल्लिंग होते हैं जैसे- सागर, द्वीप, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, देश,राज्य, प्रांत,प्रदेश, जिला नगर, पर्वत, ग्राम, पठार आदि।
- देश के नाम हमेशा पुलिंग होते हैं जैसे -भारत,अमेरिका,रूस,चीन,पाकिस्तान जापान,अफगानिस्तान,आदि।
- पर्वतों के नाम हमेशा पुल्लिंग होते हैं जैसे- हिमालय, विंध्याचल, पर्वत, नीलगिरी, आदि।
- वृक्षों के नाम हमेशा पुल्लिंग होते हैं जैसे- अशोक, शीशम, पीपल, बरगद, आम, अखरोट, केला, नींबू,अनार आदि।
- समय दिन तथा महीनों के नाम भी पुलिंग होते हैं जैसे -सेकंड, मिनट,घंटा,दिन,सप्ताह पक्ष, मास, वर्ष, सोमवार, मंगलवार, चैत्र, वैशाख, जेठ, आषाढ़, सावन, जनवरी, फरवरी,मार्च आदि।
- अपवाद -तारीख एवं तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं जैसे पहली तारीख दूसरी तारीख प्रतिपदा पूर्णिमा, सुबह, शाम, रात, दोपहर,घड़ी,स्त्रीलिंग की श्रेणी में आते हैं ।
- रत्नों एवं धातुओं के नाम पुलिंग होते हैं। जैसे- हीरा, पन्ना, मूंगा, मोती, माने, सोना, पीतल, लोहा आदि। अपवाद- मनी एवं चांदी स्त्रीलिंग है।
- द्रव्य पदार्थ के नाम पुल्लिंग होते हैं जैसे- पानी,तेल,दूध, अपवाद -चाय और लस्सी।
- अनाज के नाम पुल्लिंग होते हैं जैसे -गेहूं और चना, चावल, बाजरा, आदि अपवाद- मक्की, ज्वार, जई स्त्रीलिंग है।
- प्राणीवाचक शब्दों मे पुरुष जाति का बोध करवाने वाले शब्द पुलिंग होते है । जैसे -आदमी,युवक लड़का, बालक, पिता, भाई, चाचा, मामा, मोहन, शेर, मोर, साँप, खरगोश, चिता, बिच्छू, मच्छर, पशु, पक्षी आदि ।
- शरीर के अंग के नाम जैसे -माथा,कान, मन मस्तिष्क, बाल, हाथ, पैर, मुंह, दांत, सिर, आदि अपवाद -आँख, नाक जीभ,जांघ,कलाई,कोहली, काँख, त्वचा,पलके,एडी,उंगली आदि।
- व्यवसाय का बोध करवाने वाले जैसे -व्यापारी, सैनिक,दर्जी,कुम्हार आदि।
- समूहवाचक शब्द पुलिंग होते हैं जैसे -दल,कुटुंब,परिवार,मंडल,संघ,समूह,हाथियों का झुंड आदि।
- अपवाद -भीड़ सेना कक्षा ।
- अक्सर मोटी,बुद्धि,बल,और भारी-भरकम वस्तु को व्यक्त करने वाली संज्ञा पुलिंग होती है जैसे -लक्कड़, गट्ठर,रस्सा,गड्ढा,पत्थर आदि।
- ना, आव,पन, आपा,त्व,अर्थी प्रत्यय से बनने वाले शब्द जैसे- जागना, रोना, हंसना, चलना, बैठना, छिपाओ, दुराव, बहाव, बचपन, लड़कपन, बुढ़ापा, मोटापा, महत्व, मानवता,विद्यार्थी, शरणार्थी, परमार्थी आदि।
स्त्रीलिंग के रूप में प्रयुक्त शब्द-
- प्राणीवाचक शब्दों में स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द को स्त्रीलिंग कहते हैं जैसे -स्त्री, महिला, युवती, बालिका, लड़की, बुढ़िया, माता, भाभी, सुनीता, मीरा, शेरनी, चुहिया, बकरी आदि।
- नक्षत्रों के नाम जैसे -अश्विनी, भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, चित्रा,आदि ।
- तिथियों एवं तारीखों के नाम जैसे -प्रतिपदा, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थी, अमावस्या, पूर्णिमा, पहली तारीख आदि।
- नदियों के नाम जैसे -गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, ताप्ती, आदि।
- झीलों के नाम जैसे- मानसरोवर, डल सांभर, नागिन, बुल्हर आदि।
- भाषाओं बोलियों एवं लिपियों के नाम जैसे -संस्कृत, तेलुगु, पहाड़ी, देवनागरी, गुरुमुखी आदि।
- शरीर के कुछ अंग जैसे- आँख, नाक, जीभ, ठोड़ी, बाँह, गर्दन, पलके, उंगलियां, आदि।
- अहारों के नाम जैसे -रोटी, पूरी, कचोरी, दाल, सब्जी, चटनी, खिचड़ी, खीर, आदि।
- अपवाद- सलाद, दलिया, भात, चावल, पराठा, पुड़े आदि पुल्लिंग होते हैं।
- किराने की वस्तु जैसे -अजवाइन, इलायची, दालचीनी, मेथी,सौंफ, सुपारी, हल्दी आदि।
- जिन शब्दों के अंत में इया आता है जैसे -खटिया, लुटिया, कुत्तिया, पुड़िया आदि।
- आइ, वट,हट, ट,आस,ता,आई, वती, मती, इका प्रत्यय से बने शब्द जैसे -मलाई, कढ़ाई, मिठाई, कटाई, सिलाई, सफाई, बनावट, सजावट, मिलावट झंझट, मिठास, मित्रता, मानवता, रूपवती, गुणवती, श्रीमती, बुद्धिमता, गायिका, लेखिका।
- ऐसे भाववाचक तद्भव शब्द जिसके अंत में इ, ई आता है जैसे -अग्नि, विधि, छवि, राशि, नगरी, चिट्ठी, लेखनी,
- अपवाद – पानी, घी,दही, मोती आदि पुल्लिंग होते हैं।
- संस्कृत के अकारांत शब्द जैसे -सभा, प्रतिभा, प्रतिज्ञा, लालिमा, सुषमा आदि।
- जिसके अंत में ना और नी आते हैं जैसे -वेदना, रचना, प्रार्थना, याचना, अर्चना, कल्पना,हानि आदि।
- संस्कृत के कुछ शब्द हिंदी में स्त्रीलिंग हो जाते हैं जैसे -वायु, अग्नि, विजय आदि।
लिंग परिवर्तन –
पुलिंग शब्दों में स्त्रीवाचक प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग बनाना !
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
अनुज | अनुजा |
शिष्य | शिष्या |
ई प्रत्यय जोड़कर–
पुल्लिंग | स्रीलिंग |
देव | देवी |
पुत्र | पुत्री |
इया प्रत्यय जोड़कर–
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
बंदर | बंदरिया |
चूहा | चुहिया |
ता को त्री में बदलकर–
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
नेता | नेत्री |
दाता | दात्री |
इका प्रत्यय जोड़कर–
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
बालक | बालिका |
सेवक | सेविका |
मती/वती प्रत्यय जोड़कर–
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
गुणवान | गुणवती |
श्रीमान | श्रीमती |
दोस्तों आज के इस भाग में हमने स्त्रीलिंग तथा पुल्लिंग,इस के प्रकार तथा नित्य स्त्रीलिंग जैसे कोयल,मैना और नित्य पुल्लिंग जैसे उल्लू,मचछर के साथ अपवाद तथा लिंग परिवर्तन करते समय प्रत्ययों का प्रयोग हमने सीखा । आशा करती हूँ पोस्ट आप लोगों के लिए सहायक होगा,धन्यवाद।